बैतूल , अक्टूबर 26 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में सारनी स्थित सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिकों के शोषण और शासन द्वारा निर्धारित वेतन दर से कम भुगतान किए जाने के विरोध में घोड़ाडोंगरी आदिवासी विकास परिषद ने शनिवार को जिला कलेक्टर के नाम तहसीलदार संतोष पथोरिया को ज्ञापन सौंपा।
परिषद के उपाध्यक्ष भैयालाल बैठे ने बताया कि पावर प्लांट में कुशल श्रमिकों को अर्धकुशल के रूप में वेतन दिया जा रहा है। वहीं हाउसकीपिंग के 100 से अधिक श्रमिकों को Rs.300 प्रतिदिन की दर से केवल 18 दिन कार्य दिया जाता है, जबकि शासन द्वारा निर्धारित दर Rs.467 प्रतिदिन और कार्य दिवस 26 दिन तय हैं।
उन्होंने बताया कि कई ठेका श्रमिकों को अब तक एरियर और बोनस नहीं मिला है, जिससे उनकी दिवाली फीकी रही। परिषद ने आरोप लगाया कि प्लांट में पार्क रखरखाव, वाहन संचालन और हाउसकीपिंग के ठेकों में भी मजदूरों का लगातार शोषण किया जा रहा है।
आदिवासी विकास परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि मजदूरों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर मिश्रीलाल परते, यशोदा मसकोले, शांति गणेश उइके, रामदयाल वटके, लालमन काकोडिया, तुलसी उइके, सुनहरी यादव और सूरज धुर्वे सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। नायब तहसीलदार संतोष पथोरिया ने ज्ञापन प्राप्त करते हुए कहा कि मजदूरों की समस्याओं पर संबंधित विभाग से चर्चा कर उचित समाधान की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।
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