वाराणसी , नवंबर 3 -- धार्मिक नगरी काशी में सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार की 94वीं वर्षगाँठ के पावन अवसर पर सोमवार को भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेषों के सार्वजनिक दर्शन का तीन दिवसीय आयोजन शुरू हो गया। सारनाथ वही पुण्य भूमि है, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश 'धर्मचक्र प्रवर्तन' दिया था। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया सारनाथ केंद्र और वियतनामी बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
प्रमुख पुजारी शीलवंश थेरो ने बताया कि बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियाँ विभिन्न देशों से श्रीलंका, म्याँमार, थाईलैंड, कंबोडिया, नेपाल, जापान और भारत के कोलकाता, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल समेत विभिन्न हिस्सों से पहुंच रहे हैं। लद्दाख और हिमालय क्षेत्रों से भी श्रद्धालु सारनाथ दर्शन के लिए आ रहे हैं।
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