रांची , अक्टूबर 11 -- झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा के घने जंगल में शुक्रवार शाम नक्सलियों के किए गए आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ जवान की आज मौत हो गई।

शहीद हेड कांस्टेबल महेंद्र लस्कर असम के नौगांव के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर रांची लाया जाएगा, जहां पोस्टमार्टम के बाद सीआरपीएफ कैंप में अंतिम सलामी दी जाएगी।

पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने आज महेंद्र लश्कर के शहीद होने की पुष्टि की है। विस्फोट में सीआरपीएफ बटालियन के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा और सब इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगी भी गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

चाईबासा एसपी अमित रेणू ने बताया कि जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा इलाके में कल सुरक्षा बल नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे। अभियान के दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने सीआरपीएफ की टीम को निशाना बनाकर विस्फोट किया।

इस विस्फोट में सीआरपीएफ की 60 बटालियन के इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगई और हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से इंस्पेक्टर को बेहतर इलाज के लिए राउरकेला के अपोलो अस्पताल रेफर किया गया, जबकि एसआई गोगई और हेड कॉन्स्टेबल लश्कर का इलाज स्थानीय स्तर पर जारी है। विस्फोट में इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा भी घायल हुए हैं।

शनिवार सुबह इलाज के दौरान हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर ने दम तोड़ दिया। उनके शहादत की खबर से सीआरपीएफ के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

ज्ञातव्य है कि शुक्रवार को सारंडा के जिस इलाके में विस्फोट हुआ उस इलाके में मार्च से लेकर अब तक हुए ब्लास्ट में तीन जवान शहीद हो चुके हैं जबकि 9 बुरी तरह से जख्मी हुए हैं।

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