रायपुर , अक्टूबर 13 -- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के महासचिव भूपेश बघेल ने दावा किया कि हाल ही में आयोजित कलेक्टर सम्मेलन में साय सरकार ने रेत चोरी की समस्या और धान खरीदी प्रक्रिया में देरी जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी गलतियां स्वीकार की है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इन मुद्दों पर नियंत्रण पाने में अपनी सीमाओं को भी स्वीकार किया।

श्री बघेल ने सोमवार को कहा कि सम्मेलन के दौरान, धान खरीदी प्रक्रिया में हुई देरी पर चिंता जताई गई। सरकार से अनुरोध किया गया कि वह सार्वजनिक रूप से बताए कि अब तक कितना धान उठाया गया है ? कितने डी.ओ. काटे गए हैं और कितना धान अभी भी फड़ों में पड़ा हुआ है ? गौरतलब है कि धान उठाव की अवधि को मूल 72 घंटों से बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया था।जिसके कारण प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न हुआ।

उन्होंने कहा कि रेत चोरी के मामले में भी सरकार के समक्ष गंभीर चुनौतियाँ सामने आई हैं। यह विभाग सीधे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अधीन कार्य करता है, और माना जा रहा है कि इस पर उचित नियंत्रण नहीं रखा जा सका है। इसके अलावा, आर्थिक अपराध शाखा और एंटी-करप्शन ब्यूरो जैसी एजेंसियाँ, जो मुख्यमंत्री के प्रत्यक्ष नियंत्रण में कार्य करती हैं, पर भी कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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