लखनऊ , अक्टूबर 3 -- उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, मायावती, अनुप्रिया पटेल, डॉ संजय निषाद और लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है। पत्र में राजभर ने मांग कि है कि मा. न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित "सामाजिक न्याय समिति" की रिपोर्ट को प्रदेश में तत्काल लागू किया जाए।
राजभर ने पत्र में कहा है कि वर्ष 2001 में बनी इस समिति ने अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले 27 फीसद आरक्षण को उपवर्गीय आधार पर बांटने की सिफारिश की थी, ताकि सभी जातियों को समान रूप से आरक्षण का लाभ मिल सके। हालांकि तत्कालीन सरकारों ने इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया, जिसके कारण पिछड़े वर्ग की कुछ जातियां आरक्षण का अधिकांश लाभ लेती रहीं और अन्य जातियां वंचित रह गईं।
उन्होंने उल्लेख किया कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पुनः समिति गठित कर रिपोर्ट प्राप्त की। जिसमे पिछड़ा वर्ग के 27 फीसद आरक्षण को तीन भागों में विभाजित करने की सिफारिश की गई थी। इनमें अतिपिछड़ा वर्ग (7 प्रतिशत), पिछड़ा वर्ग (9 प्रतिशत), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (11 प्रतिशत) शामिल है।
राजभर ने कहा कि यदि यह रिपोर्ट लागू होती है तो समाज के सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ समान रूप से मिलेगा और सामाजिक न्याय की अवधारणा साकार होगी। उन्होंने मांग की कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों और विभिन्न विभागों में होने वाली भर्तियों में नियुक्तियां इसी रिपोर्ट के आधार पर की जाएं।
ओमप्रकाश राजभर ने कांग्रेस नेतृत्व से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर समर्थन देकर सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी समय-समय पर अपने निर्णयों द्वारा यह मंशा व्यक्त करते हुए निर्देश दिये हैं कि आरक्षण कोटे को उपवर्गीकृत करके समाज के वंचित व शोषित वर्ग के लोगों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए। मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण करते हुए अपने प्रदेश के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है। देश के 9 प्रदेशों में भी आरक्षण को उपवर्गीकृत करके उसका लाभ वहाँ के लोगों को दिया जा रहा है।
राजभर ने पत्र के जरिये मांग की है कि आरक्षण को उपवर्गीकृत करने से पिछड़ा वर्ग की सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा और पिछड़े वर्ग की शेष शोषित व वंचित जातियों का भी उत्थान हो सकेगा। उन्होंने कहा है कि आरक्षण के उक्त उपवर्गीकरण को लागू करते हुए उसके आधार पर ही आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया जाना आवश्यक व न्यायसंगत है।
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