भरतपुर , अक्टूबर 27 -- राजस्थान में साइबेरिया से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके शीतकालीन प्रवास पर राज्य के भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और धौलपुर के जलाशयों तक पहुंचे कुरजां (डोमिसाइल क्रेन) के आने से पक्षी प्रेमी खुश हैं।

दूसरी ओर मंगोलिया, रूस, कजागिस्तान, चीन सीमा, तुर्किस्तान से यहां पहुंचे कुरजां से बर्ड फ्लू फैलने की आशंका को लेकर वन विभाग के कान खड़े हो गये हैं।

विभागीय सूत्रों ने सोमवार को बताया कि बड़ी संख्या में भरतपुर पहुंचे कुरजां के भरतपुर से धौलपुर पलायन करने के बाद भी यहां राष्ट्रीय उद्यान में विशेष सतर्कता बरतते हुए उनकी निगरानी की जा रही है। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि जर्मनी में बर्ड फ्लू से बड़ी संख्या में कुरजां की मौत के बाद राजस्थान के भरतपुर एवं धौलपुर पहुंचे कुरजां से घना केवलादेव पक्षी विहार एवं धौलपुर के जलाशयों एवं खेतों में भरे पानी में विचरण कर रहे कुरजां से अन्य पक्षियों एवं मनुष्यों में बर्ड फ्लू के संक्रमण फैलने की आशंका के मद्देनजर इनकी पूरी चौकसी की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के पहले एवं दूसरे सप्ताह में राजस्थान के कई भागों में आने वाले डोमिसाइल क्रेन जिसे राजस्थान में कुरजां के नाम से जाना जाता है, मार्च तक शीतकालीन प्रवास करते हैं। कुरजां से हालांकि बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंकाओं के बीच केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल यहां इसका कोई मामला सामने नहीं आया है।

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