नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- दिल्ली के मध्य जिला साइबर पुलिस ने एक संगठित पैन-इंडिया ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 69 लाख रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा किया है। पुलिस ने अहमदाबाद से एक आरोपी को गिरफ्तार कर 43.20 लाख रुपये नकद, एक एंडेवर कार और दो महंगे मोबाइल फोन (सैमसंग फोल्ड-4 व आईफोन-14) जब्त किए हैं। आरोपी ने पूछताछ में संगठित ठगी नेटवर्क का हिस्सा होने की बात स्वीकार की है।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त निधान वलसन ने शुक्रवार को बताया कि जुलाई में दरियागंज स्थित एक कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपियों ने कंपनी से सीएसआर फंड में निवेश के नाम पर ऊँचे मुनाफे का झांसा दिया। कई बार ऑनलाइन बैठकें आयोजित की गईं और अंततः फरवरी में कंपनी से 69 लाख रुपये नकद लिए।
इसके बाद आरोपियों ने फर्जी आरटीजीएस/एनईएफटी स्लिप भेजकर पैसे ट्रांसफर होने का दावा किया। पर जांच में पता चला कि कोई राशि खाते में पहुंची ही नहीं ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशंस सुलेखा जागरवार के नेतृत्व में थाना साइबर पुलिस के प्रभारी निरीक्षक संदीप पंवार और टीम ने जांच शुरू की। तकनीकी निगरानी और सतत प्रयासों के बाद 15 दिन तक अहमदाबाद और मुंबई में चलाए गए अभियान के दौरान मुंबई निवासी आरोपी जितेंद्र पांडे (32) को टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह मास्टरमाइंड मोनिश बड़ानी सहित अपने साथियों के साथ विभिन्न शहरों में अस्थायी दफ्तर खोलकर कारोबारियों को निवेश के नाम पर फंसाता था। रकम ठगने के बाद यह गिरोह दफ्तर बंद कर फरार हो जाता था। आरोपी से 43.20 लाख रुपये नकद, एक एंडेवर कार और दो महंगे मोबाइल फोन बरामद किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह ने मुंबई में एक डॉक्टर से तीन करोड़ रुपये की ठगी की थी।
उपायुक्त ने बताया कि आरोपी को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अभियान चला रही है।
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