अलवर, सितंबर 28 -- राजस्थान के अलवर में जारी ऑपरेशन साइबर संग्राम के तहत वैशाली नगर क्षेत्र में पुलिस ने एक सनसनीखेज साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें बैंककर्मियों की सीधे तौर पर मिलीभगत सामने आई है।

पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने रविवार को बताया कि पुलिस ने इस मामले में चार बैंक कर्मियों और एक मुख्य आरोपी सहित छह अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में पता चला है कि इन खातों में 500 करोड़ रुपये से अधिक साइबर ठगी की राशि का लेन-देन हुआ है। इन खातों के खिलाफ अकेले राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग (एनसीआरपी) पोर्टल पर चार हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं।

श्री चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार छह नये आरोपियों में मुख्य आरोपी वरूण पटवा (40), निवासी हिरणमगरी उदयपुर हाल गुरुग्राम, हरियाणा, सतीश कुमार जाट (35) निवासी उकलाना जिला हिसार हरियाणा है। इसके अलावा चार बैंककर्मी एक्सिस बैंक हिसार में कार्यरत है, जिनमें साहिल अग्रवाल (33) एवं गुलशन पंजाबी (33) निवासी नरवाल जिला जींद (दोनों सेल्स मैनेजर), आसु शर्मा (23) निवासी खेड़ाचोपड़ा हिसार मर्चेंट इंक्वारी बिजनेस और आंचल जाट (24) निवासी उकलाना हिसार सेल्स ऑफिसर हैं।

उन्होंने बताया कि बैंक कर्मी ग्राहकों को कमीशन देकर, फर्जी फर्मों के नाम, पते और टर्नओवर के आधार पर चालू खाते खुलवाते थे। ये खाते मुख्य आरोपी और दलाल द्वारा व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप्स में साइबर ठगों को बेचे जाते थे। आरोपी बैंक से लिंक मोबाइल नंबर को दूसरे फोन में डालकर, एपीके फाइल इंस्टॉल करवाकर, ठगों को ओटीपी और इंटरनेट बैंकिंग की सीधी पहुंच दे देते थे। इन खातों का उपयोग बेटिंग, गेमिंग फ्रॉड और क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से बड़ी मात्रा में ठगी की रकम निकालने के लिए किया जाता था।

श्री चौधरी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई के दौरान ढाई लाख रुपये नकद जब्त किए हैं और करीब लगभग पांच लाख रुपये की ठगी की राशि 10 खातों में फ्रीज करवाई है। इसके अलावा 26 एटीएम कार्ड, 33 मोबाइल फोन, 34 सिम कार्ड, 12 चेक बुक, छह बैंक पासबुक, 12 हस्ताक्षरयुक्त चेक, एक-एक आधार एवं पैन कार्ड, दो पहचान पत्र, तीन आरसी, मोहर, रसीद बुक और दो कारें भी जब्त की गई हैं।

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