नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये मुसलमानों को व्यक्तिगत स्तर से आगे आकर, संगठित रूप से प्रयास करने की ज़रूरत है।

श्री हुसैनी ने यहां आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय सांप्रदायिक सौहार्द समन्वयक बैठक में कहा, "सांप्रदायिक सद्भाव के लिये हमारा काम सामयिक नहीं बल्कि स्थायी है। इस्लाम की बुनियाद ही लोगों के बीच रिश्तों को ठीक करना और उन्हें सही दिशा देना है। पवित्र क़ुरआन में इस बात पर बहुत बल दिया गया है। इस काम को अब व्यक्तिगत स्तर से आगे बढ़कर संगठित रूप से करने की ज़रूरत है, जो इसे एक मज़बूत बुनियाद देगा।"जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के महासचिव टी. आरिफ अली ने कहा, "सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हमारी कोशिशें हालात के दबाव का नतीजा नहीं हैं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी हैं।"स्वामी सर्वलोक आनंदजी महाराज ने इस अवसर पर 'सांप्रदायिक सद्भाव के लिये अलग-अलग धर्मों के बीच बातचीत के महत्व' पर बात की। उन्होंने लोगों से अपने और दूसरों के विचारों को समझने और उनका सम्मान करने की अपील की। वहीं ज्ञानी मंगल सिंहजी ने 'सभी समुदायों के बीच पुल बनाने के महत्व' पर ज़ोर दिया और कहा कि इसका सबसे असरदार तरीका लोगों का निस्वार्थ सेवा करना है।

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