नयी दिल्ली , अक्टूबर 16 -- इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक पद्म भूषण राम बहादुर राय ने कहा है कि प्रभाष जोशी जी ने सहयोगियों के प्रति मन में कभी रंज नहीं रखा था।
कलानिधि विभाग द्वारा आज ''जनसत्ता के प्रभाष जोशी'' पुस्तक का लोकार्पण एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुस्तक का सम्पादन वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक रामबहादुर राय और संकलन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्रा ने किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामबहादुर राय ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार श्री बनवारी जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानन्द जोशी ने आधार वक्तव्य दिया, जबकि विशिष्ट वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं भारत सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अशोक वाजपेयी ने अपने विचार रखे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री रामबहादुर ने कहा कि 'जनसत्ता के प्रभाष जोशी' पुस्तक प्रभाष जी को पुनः याद करने के लिए बनी है। नई पीढ़ी उनको जान सके, पहचान सके, समझ सके, इस उद्देश्य से बनी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभाष जी हिन्दी के ऐसे अकेले संपादक थे, जिन्होंने अंग्रेजी अख़बार भी निकाला। उन्होंने कहा कि प्रभाष जी के व्यक्तित्व में बहुत बड़प्पन था। अपने सहयोगियों के प्रति प्रभाष जी ने मन में कभी रंज नहीं रखा। वे सहयोगियों को पूरी स्वतंत्रता देते थे।
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