अलवर , अक्टूबर 29 -- राजस्थान में अलवर जिले के सरिस्का में मौजूद 50 बाघों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
सरिस्का के क्षेत्रीय फील्ड निदेशक संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि प्रत्येक बाघ पर निगरानी के लिए दो-दो कर्मचारी तैनात किये गये हैं। यह सरिस्का की पुख्ता व्यवस्था है, जिसमें उन कर्मचारियों का ध्यान उस बाघों पर रहता है और सुबह से शाम तक वे उन पर निगरानी रखते हैं। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में सरिस्का में 50 बाघ हैं।
सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब अलवर बफर का दायरा शीघ्र बढ़ाया जा रहा है। सरकार से स्वीकृति का इंतजार है। अलवर बफर में करीब 660 वर्ग स्क्वायर किलोमीटर का क्षेत्र जोड़ा जायेगा, क्योंकि अलवर शहर के समीप का कुछ क्षेत्र पहले ही जोड़ा हुआ है, जहां कई बाघों का क्षेत्र है। अभी हाल में ही बाला किला क्षेत्र में बाघिन एस टी 2302 ने दो शावकों को जन्म दिया है। यह पूरा क्षेत्र शाहपुर डेहरा तक पहाड़ी इलाका है। अलवर बफर जोन में करीब छह से 10 बाघों की गतिविधियों देखी जा रही हैं।
सरिस्का प्रशासन स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है, क्योंकि लगातार सरिस्का का विस्तार होता जा रहा है। सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। उनकी निगरानी करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है, क्योंकि कई बार यहां बाघ सरिस्का के जंगल से बाहर निकल गये। उनको लाने में काफी परेशानी हुई और इसके कारण सरिस्का को अब स्टाफ की काफी कमी महसूस हो रही है। सुरक्षा की दृष्टि से हालांकि सरिस्का प्रशासन ने होमगार्ड की पूरी व्यवस्था कर रखी है ड्यूटी में होमगार्ड के जवान यहां तैनात रहते हैं।
श्री कटियार ने बताया कि होमगार्ड की कमी को पूरा किया गया है और निगरानी के लिए भी होमगार्ड काम आ रहे हैं और जो यहां पर स्टाफ की कमी है इसके लिए सरकार को लिखा गया है। सरकार के स्तर पर भी नये पद भरने की कवायद चल रही है। यहां करीब 60 से 70 पद खाली हैं अगर यहां पूरे पद भर जायें, तो निश्चित रूप से सरिस्का में और अच्छी तरीके से निगरानी की जा सकती है।
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