उज्जैन , अक्टूबर 28 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि सरलता, निश्चलता, क्षमता और योग्यता के बल पर संपूर्ण भारत में बिहारवासियों ने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि माता और बहनों का त्याग ही हमारे देश को "अखंडता" और "अनेकता में एकता" के सूत्र में पिरोता है।
डॉ. यादव ने आज यहां सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय स्थित विक्रम सरोवर पर आयोजित छठ पूजन के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने पूर्वांचल और पूर्वोत्तर के अद्भुत छठ महापर्व की सभी लोगों को मंगलकामनाएं और बधाइयां देते हुए कहा कि बिहार भारत की दिशा तय करता है। बिहार पर परमात्मा का विशेष आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ का महापर्व वैज्ञानिक पद्धति आधारित होकर सूर्य और जल की उपासना का पर्व है। भगवान सूर्यनारायण जहां संपूर्ण सृष्टि को ऊर्जा देकर उसका संचालन करते है, वहीं जल से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है। यह व्रत हमें आत्म नियंत्रण, संयम और आत्मबल प्रदान करता है। अस्त और उदय होते हुए सूर्य का पूजन करने वाले इस पर्व की बात ही निराली है।
उन्होंने कहा कि बिहार बुद्ध और महावीर की भूमि भी है, जिन्होंने अपने ज्ञान से देश ही नहीं संपूर्ण दुनिया को दिशा प्रदान की है। सबसे ज्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) किसी राज्य से निकलते हैं, तो वह बिहार है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से बिहार का संबंध आदिकाल से है। मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा गया है। शिप्रा मैया का जल बिहार तक चंबल, यमुना और गंगा मैया के माध्यम से पहुंचता है। अमरकंटक से निकली सोन नदी गंगा मैया के माध्यम से बिहार पहुंचकर वहां समृद्धि फैलाती है।
डॉ यादव ने कहा की माताओं और बहनों द्वारा देश, प्रदेश और परिवार की समृद्धि के लिए छठ का व्रत रखा जाता है। माताओं और बहनों का त्याग कुटुंब और परिवार की एकता को कायम रखता है। हमारी संस्कृति मातृ शक्ति आधारित संस्कृति है, हमारे देश को भी माता "भारत माता" माना गया है। माताएं और बहनें अपने परिवार में सभी कष्ट सहकर भी पूरे परिवार की सेवा कर मंगल की कामना करती है। माताएं और बहनें सबसे बड़ी योद्धा होती है।
उन्होंने कहा कि भारत की एकता में यह सभी पर्व और त्यौहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छठ मैया का यह पर्व माता सीता से भी जुड़ता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना है। वहीं सीतामढ़ी में भी श्री मोदी के नेतृत्व में 800 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। माता सीता का जीवन संपूर्ण भारत के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। वह राजकुमारी होकर भी वन में गई। रामराज्य की अवधारणा भी माता सीता के संकल्प से पूर्ण हुई।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि 'विक्रम सरोवर' सम्राट विक्रमादित्य के शौर्य का प्रतीक है। इस सरोवर पर मिथिला घाट का निर्माण किया जाएगा।
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