नयी दिल्ली , अक्टूबर 24 -- सरकार देश के पहले गृह मंत्री और लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेष समारोह का आयोजन कर रही है जिसमें गुजरात में नर्मदा जिले के एकता नगर में भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। परेड का प्रमुख आकर्षण एक मार्चिंग दस्ता होगा जिसमें सीमा सुरक्षा बल के विशेष रूप से प्रशिक्षित भारतीय नस्ल के श्वान, ऊंट, गुजरात पुलिस का घुड़सवार दस्ता, असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और ऊंट सवार बैंड शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहेंगे।
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है जो देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती के कारण राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेष समारोह का आयेाजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह समारोह गुजरात में सतपुड़ा और विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित एकता नगर में मनाया जायेगा और इसकी विषय वस्तु 'विविधता में एकता' की अवधारणा पर आधारित है जो प्राकृतिक सुंदरता को सांस्कृतिक समृद्धि के साथ जोड़ती है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में एक भव्य परेड और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जायेगा। परेड के दौरान केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्यों के पुलिस बल अपने कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन करेंगे। इस वर्ष की राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में सीमा सुरक्षा बल , केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल , केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल , भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के साथ-साथ असम, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, केरल, आंध्र प्रदेश राज्यों और एनसीसी के दस्ते शामिल होंगे। परेड में पहली बार घुड़सवार दस्ते और ऊंट सवार दस्ते, स्वदेशी नस्ल के श्वान दस्तों का प्रदर्शन और विभिन्न मार्शल आर्ट और शस्त्रविहीन युद्धाभ्यास शामिल होंगे।
परेड में महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी रहेगी। प्रधानमंत्री को दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व एक महिला अधिकारी करेंगी। सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिलाकर्मी भारत की बेटियों की शक्ति और साहस का प्रदर्शन करते हुए मार्शल आर्ट और शस्त्रविहीन युद्धाभ्यास का प्रदर्शन करेंगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की परेड का प्रमुख आकर्षण एक मार्चिंग दस्ता होगा जिसमें बीएसएफ के विशेष रूप से प्रशिक्षित भारतीय नस्ल के श्वान, ऊंट, गुजरात पुलिस का घुड़सवार दस्ता, असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और बीएसएफ का ऊंट सवार बैंड शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त देशी श्वान की नस्लें- रामपुर हाउंड्स और मुधोल हाउंड्स- अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इन नस्लों ने बीएसएफ के अभियानों के दौरान आत्मनिर्भर भारत की भावना को मूर्त रूप देते हुए बल की क्षमता बढाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और स्कूल बैंड अपने आकर्षक प्रदर्शन से समारोह की भव्यता को बढ़ाएंगे। युवा एनसीसी कैडेट अपने अनुशासन और उत्साह से 'एकता में शक्ति' का संदेश देंगे। भारतीय वायु सेना की सूर्य किरण वायुयानों की टीम द्वारा एक शानदार एयर शो परेड की शान को और बढ़ाएगा।
विविधता में एकता के संदेश पर बल देने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां भी परेड का हिस्सा होंगी। इस वर्ष की राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में 'विविधता में एकता' थीम को दर्शाने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा गारद , एनडीआरएफ , गुजरात, जम्मू और कश्मीर, अंडमान - निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी की 10 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की परेड को और अधिक भव्य बनाने के लिए बीएसएफ , सीआरपीएफ, सीआईएसएफ ,एसएसबी , दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और जम्मू और कश्मीर के ब्रास बैंड भी भाग लेंगे। इस वर्ष परेड में सीआरपीएफ के पांच शौर्य चक्र विजेता और बीएसएफ के 16 वीरता पदक विजेता शामिल होंगे। इन बहादुरों ने झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों और जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में असाधारण साहस का प्रदर्शन किया। बीएसएफ के जवानों ने पश्चिमी सीमा पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बेजोड़ बहादुरी और साहस का प्रदर्शन किया।
परेड के साथ-साथ केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में 900 कलाकार भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन करेंगे जो संस्कृति और राष्ट्रीय एकता की समृद्ध विविधता को रेखांकित करेगा।
राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और देशभक्ति की भावना को बल देना और नागरिकों को इन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। सभी नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेने और इस भव्य तथा महाउत्सव का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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