नयी दिल्ली , नवंबर 15 -- दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार कला, संस्कृति और रचनात्मक शिक्षा को निरंतर प्रोत्साहन देती रहेगी।

श्री सूद ने आज यहाँ कॉलेज ऑफ आर्ट्स के दीक्षांत समारोह में कहा , "यह समारोह आपकी मेहनत, आपकी कल्पनाशक्ति और आपकी अदम्य रचनात्मकता का है । आपने सिद्ध किया है कि कठिन परिश्रम और समर्पण हमेशा सफलता की ओर ले जाते हैं।

उन्होंने कहा कि रचनात्मकता सभ्यता की ऑक्सीजन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं कि जिस राष्ट्र में रचनात्मकता फले-फूले, वही राष्ट्र विश्व गुरु बनता है। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि 1942 में स्थापित कॉलेज ऑफ आर्ट्स ने दशकों से भारतीय कला जगत को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीएफए, एमएफए से लेकर अब पीएचडी कार्यक्रम तक यह संस्थान केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि एक सशक्त इमैजिनेशन इकोसिस्टम तैयार कर रहा है।

श्री सूद ने कहा , "आज की तेज़, डिजिटल और ध्यान भटकाने वाली दुनिया में कला हमें फिर से केंद्रित और एकाग्र रखती है। दशकों तक भारतीय कला और शिल्प वैश्विक बाज़ारों से कटे रहे। इस दूरी ने हमारे कलाकारों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने से रोके रखा। अब इस अंतर को मिटाने का समय आ गया है और यह महत्वपूर्ण कार्य आप सभी मिलकर करेंगे। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, क्रिएटिव इकॉनमी हमारी सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभर रही है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में हमारे कलाकारों, डिजाइनरों और क्रिएटर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।"शिक्षा मंत्री ने कॉलेज के प्राचार्य, उनकी टीम एवं संकाय सदस्यों को उत्कृष्ट कार्य के लिए शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कला, संस्कृति और रचनात्मक शिक्षा को निरंतर प्रोत्साहन देती रहेगी।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर बैचलर ऑफ़ फाइन आर्ट्स ( ग्रेजुएशन) के लिए 227 बच्चों को और मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (पोस्ट ग्रेजुएशन) के लिए 47 बच्चों को डिग्री दी गई । इसके अलावा तीन स्पेशल बच्चों को भी डिग्री प्रदान की गई।

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