नयी दिल्ली , नवंबर 12 -- सरकार ने सीज़ियम, रुबिडियम और ज़िरकोनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की मंज़ूरी दी है।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने की बैठक में सीजियम, ग्रेफाइट, रुबिडियम और जिरकोनियम की रॉयल्टी दर को तर्कसंगत करने की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सीज़ियम, रुबिडियम और ज़िरकोनियम युक्त खनिज ब्लॉकों की नीलामी को बढ़ावा मिलेगा जिससे न केवल ये खनिज, बल्कि इनसे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण खनिज, जैसे लिथियम, टंगस्टन, नियोबियम आदि भी प्राप्त होंगे। ग्रेफाइट की रॉयल्टी दरें मूल्यानुसार निर्धारित करने से विभिन्न ग्रेड के खनिजों की कीमतों में होने वाले परिवर्तन आनुपातिक रूप से परिलक्षित होंगे। इन खनिजों के स्वदेशी उत्पादन में वृद्धि से देश में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि ग्रेफाइट, सीज़ियम, रुबिडियम और ज़िरकोनियम उच्च-तकनीकी अनुप्रयोगों और ऊर्जा परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिज हैं। ग्रेफाइट और ज़िरकोनियम खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) में सूचीबद्ध 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों में भी शामिल हैं।

ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों में एक महत्वपूर्ण घटक है, जो मुख्य रूप से एनोड सामग्री के रूप में कार्य करता है, जिससे उच्च चालकता और चार्जिंग क्षमता प्राप्त होती है। हालाँकि, भारत अपनी ज़रूरत का 60 प्रतिशत ग्रेफाइट आयात करता है। ज़िरकोनियम एक बहुमुखी धातु है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य सेवा और विनिर्माण, क्योंकि इसमें असाधारण संक्षारण प्रतिरोध और उच्च तापमान स्थिरता है। सीज़ियम का उपयोग मुख्यतः उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में, विशेष रूप से परमाणु घड़ियों, जीपीएस प्रणालियों, अन्य उच्च परिशुद्धता वाले उपकरणों, कैंसर चिकित्सा सहित चिकित्सा उपकरणों आदि में किया जाता है। रुबिडियम का उपयोग फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार प्रणालियों, रात्रि दृष्टि उपकरणों आदि में प्रयुक्त होने वाले विशेष प्रकार के चश्मों के निर्माण में किया जाता है।

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