जयपुर , नवम्बर 17 -- राजस्थान सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों और आम नागरिकों के लिए बड़ा राहत पैकेज जारी किया है, जिसमें किसानों को ढाई हजार करोड़ रुपये से अधिक के कृषि आदान-अनुदान वितरण का निर्णय लिया है।

आपदा राहत मंत्री डाॅ किरोड़ी लाल मीणा ने सोमवार को बताया कि बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने 43 लाख 39 हजार किसानों को 2600 करोड़ रुपये के कृषि आदान-अनुदान वितरण का निर्णय लिया है। डाॅ मीणा ने बताया कि वर्ष 2025 में हुई बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रदेश के 30 जिलों में 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल खराब हुई है, जबकि 11 जिलों में फसल नुकसान 33 प्रतिशत से कम आंका गया है। विभागीय अधिसूचना के अनुसार 24 जिलों के 14 हजार 687 गांवों के कुल 43 लाख 39 हजार किसान प्रभावित हुए हैं, जिन्हें एसडीआरएफ नियमों के तहत राहत राशि वितरित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि असामान्य बारिश के कारण प्रदेश में सार्वजनिक परिसंपत्तियों को भी गंभीर क्षति पहुंची है। इसके पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए सरकार ने 50,308 कार्यों को स्वीकृति प्रदान की है, जिन पर 1012 करोड़ 61 लाख रुपये की राशि मंजूर की जा चुकी है। इनमें सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों की मरम्मत के 14 हजार 212 कार्यों पर 293 करोड़ 13 लाख रुपये तथा पुलिया मरम्मत के 1161 कार्यों पर सात करोड़ 20 लाख रुपये का व्यय स्वीकृत किया गया है।

जल संसाधन विभाग के 903 कार्यों के लिए 18 करोड़ 67 लाख रुपये, चिकित्सा विभाग के 700 कार्यों के लिए 13 करोड़ 18 लाख रुपये, पंचायती राज विभाग के 873 कार्यों के लिए 19 करोड़ 39 लाख रुपये, पीएचईडी के 17 कार्यों के लिए 22 लाख 69 हजार रुपये तथा शिक्षा विभाग के 24,531 कार्यों पर 486 करोड़ 94 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के 7,911 कार्यों के लिए 173 करोड़ 03 लाख रुपये अनुमोदित किये गये हैं। बारिश और आपदाओं के कारण हुई 112 जनहानि में प्रत्येक मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गयी, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा कुल चार करोड़ 48 लाख रुपये जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त पशुओं के नुकसान, घर के सामान, कपड़ों तथा मकानों की मरम्मत के लिए 11 करोड़ 54 लाख रुपये की सहायता भी उपलब्ध करायी गयी है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हर नागरिक के साथ खड़ी है और त्वरित राहत, पारदर्शिता तथा पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

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