रायपुर , नवंबर 13 -- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को लेकर कहा कि भाजपा सरकार की तैयारियों केवल कागजों तक सीमति है।

उन्होंने कहा है कि खरीदी शुरू होने में महज एक दिन बचा है, लेकिन अब तक न तो टोकन वितरण शुरू हुआ है, न बारदानों का समुचित प्रबंध है और न ही तौल एवं नमी मापने की मशीनों की जांच हो पाई है।

श्री बैज ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि संग्रहण केंद्रों में भारी अव्यवस्था है और सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते पूरी व्यवस्था ठप्प पड़ी हुई है। उन्होंने कहा, "कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री सहायक भी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। सरकार के अनिर्णय की स्थिति से छत्तीसगढ़ के किसान चिंतित हैं।"प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों पर ध्यान देने के बजाय आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया, "कई जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर पटवारी और पंचायत विभाग के कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण के धान उपार्जन में ड्यूटी पर लगाया जा रहा है, जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।"श्री बैज ने सरकार पर समिति कर्मचारियों से वादाखिलाफी का भी आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले खरीफ सीजन के दौरान उन्हें लिखित आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2739 उपार्जन केंद्रों में अब तक न तौलाई की व्यवस्था हो पाई है और न ही परिवहन और मिलिंग की।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सरकार की लापरवाही के चलते सहकारी समितियों को पिछले सीजन में 11000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा, "पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय धान के उठाव में विलंब पर होने वाली क्षति की शत-प्रतिशत भरपाई राज्य सरकार करती थी, लेकिन मौजूदा सरकार समितियों को ही जिम्मेदार ठहरा रही है।"श्री बैज ने इस स्थिति को किसान विरोधी, सहकारिता विरोधी और कर्मचारी विरोधी बताया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित