लखनऊ , दिसम्बर 12 -- उत्तर प्रदेश के कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन, ड्रोन तथा अन्य भविष्यगत तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य युवाओं को रोजगार पाने वाला ही नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाना है। इसी उद्देश्य से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में बाजार की मांग के अनुसार नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।

शुक्रवार को विकसित उत्तर प्रदेश @2047 विजन के तहत राज्य में कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और प्राविधिक शिक्षा को भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने के उद्देश्य से योजना भवन, लखनऊ में राज्य स्तरीय विचार-मंथन सम्मेलन आयोजित किया गया। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि इन प्रयासों से भारत को 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने में गति मिलेगी और यूपी विकसित भारत की रीढ़ बनेगा।

मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत के विजन में उत्तर प्रदेश की भूमिका केंद्रीय है, इसलिए मानव पूंजी को मजबूत बनाने तथा उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में बजट की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री के अन्य सलाहकार जे.एन. सिंह ने आईटीआई-पॉलिटेक्निक को विकसित उत्तर प्रदेश 2047 की नींव बताते हुए उनकी मान्यता और एफिलिएशन प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्यकता रेखांकित की।

अपर मुख्य सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग नरेन्द्र भूषण ने बताया कि प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारने हेतु एकेडमिक कैलेंडर को राष्ट्रीय स्तर पर एकरूप किया गया है। टीटीएल के सहयोग से 121 पॉलिटेक्निक संस्थानों को इंडस्ट्री 4.0 मॉडल के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। naukri.com के साथ एमओयू के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग डॉ. हरिओम ने बताया कि 212 आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से अपग्रेड किया गया है, जहां दो वर्षों में लगभग 24 हजार युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। प्रतिवर्ष लगभग 7 लाख प्रशिक्षार्थी आईटीआई के माध्यम से और लगभग 70 हजार युवा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन, एआई, ब्लॉकचेन और आईओटी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर यूपी तकनीकी नेतृत्व की ओर तेजी से अग्रसर है।

सम्मेलन में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी, नवाचार, उद्यमिता संवर्द्धन और रोजगार सृजन पर विस्तृत चर्चा हुई। पैनल चर्चाओं में नए पाठ्यक्रमों, प्रयोगशाला उन्नयन, डिजिटल अधोसंरचना, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, बालिकाओं एवं ग्रामीण युवाओं तक कौशल पहुंचाने, स्टार्टअप और इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश तभी संभव है जब कौशल विकास को गांव-गांव तक पहुंचाकर सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान किए जाएं।कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग विशेषज्ञ एवं अन्य स्टेकहोल्डर बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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