रांची, 23अक्टूबर (वार्ता) झारखंड की राजधानी रांची के दहीसोत - बनहोरा में 21 पड़हा सोहराई जतरा महोत्सव 2025 का उद्घाटन राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आज किया।

इस मौके पर पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की विशेष रूप से मौजूद रहें। पुरखों की परम्परा और संस्कृति से जुड़ाव के साथ इस विरासत को आगे बढ़ाने में जतरा महोत्सव एक बार फिर सफल रहा। जतरा महोत्सव में 15 खोड़हा के नाचते - झूमते लोगों की टोली में समाज की एकता और भाईचारगी का संदेश झलक रहा था। इस मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी खोड़हा में महिलाओं के साथ थिरकती हुई नजर आई।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही हमारे पुरखे कम पढ़े लिखे थे, लेकिन जतरा जैसे आयोजन की परिकल्पना सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है।

पुरखों की धरोहर पर आज के दौर का विश्वास हमारी परम्परा और संस्कृति को मजबूती प्रदान करता है। जब हम अपने हाथ में लाल और सफेद रंग का झंडा लेकर चलते है तो उसके इतिहास की जानकारी जरूरी है। लाल और सफेद रंग के झंडे का इतिहास हमारे पुरखों के बलिदान और उनके मार्गदर्शन का प्रतीक है। आज की युवा पीढ़ी को समुद्र से भी गहरे इस संदेश को समझने और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जतरा का इतिहास आदिवासी समाज तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके साथ मूलवासी का जुड़ाव भी कम नहीं है।

सुश्री तिर्की ने कहा कि आज आदिवासी समाज को आपस में लड़ा कर कुछ लोग बहुत खुश है। लेकिन ऐसी साजिश करने वालों को पहचानने और जागरूक रहने की जरूरत है। समाज को बंटने के बजाय एकजुट रखने में सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।

राज्य में गठबंधन वाली सरकार पेसा कानून को लेकर गंभीर है। ये महज आरक्षण मिलने का कानून नहीं बल्कि एक ऐसे अधिकार को देने का कानून है जिसकी लड़ाई हम लंबे समय से लड़ रहें है।

महोत्सव को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि हमारा समाज परम्परा और संस्कृति का धनी है।

साल 1994 में इस जतरा की रंगत फीकी पड़ गई थी, लेकिन 1995 में फिर से नए सिरे से जतरा को जीवित करने का प्रयास किया। आज इस जतरा की कमान युवाओं के हाथ में है। जतरा से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ये समाज की दशा और दिशा तय करता है। इस जतरा में हमारी परम्परा और संस्कृति को मजबूती मिलती है। समाज में भाईचारगी और एकजुटता को बनाए रखने में ये आयोजन मददगार साबित हो रहा है।

इस मौके पर कैम्बो, बॉम्बे, कमड़े , बनहोरा के खोड़हा समिति को मंच से सम्मानित किया गया . महोत्सव में प्रमुख संगीता देवी , मुखिया नीलम तिर्की , मुखिया सिरमनी कच्छप , मुखिया फुलमनी कच्छप , शिल्पा कच्छप , पार्षद पुष्पा टोप्पो , विजय तिर्की , एल्बिन लकड़ा , शिवा कच्छप , प्रकाश तिर्की , मूर्तजीर खान , सुनील तिर्की , महादेव तिर्की , केवल उरांव , आर के भगत , संजय तिर्की , सुरेंद्र कच्छप , दुर्गा कच्छप , गुड्डू उरांव , जीवन लकड़ा , सुनील टोप्पो , सुका उरांव , राजेश लकड़ा, लालू खलखो उपस्थित थे।

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