उदयपुर , दिसम्बर 22 -- विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की समाधान परियोजना से जुडे़ एक लाख चालीस हजार किसानों ने विभिन्न कृषि स्त्रोतों से 192 करोड़ रुपये से अधिक की आय और राजस्व सृजित किया है।

कंपनी द्वारा सोमवार को यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि कम्पनी कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत समाधान परियोजना के माध्यम से राज्य के किसानों के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुई है। इस परियोजना से अब तक करीब एक लाख चालीस हजार किसानों को जोड़कर एक वर्ष में विभिन्न कृषि स्रोतों से 192 करोड़ रुपये की कृषि आय एवं राजस्व अर्जित करने में योगदान दिया है।

कंपनी के अनुसार इनमें पशुधन संपत्ति निर्माण में 90 करोड़ रुपये से अधिक, 280 लाख लीटर से अधिक दूध उत्पादन जिसका मूल्य 88 करोड़ रूपये से अधिक है, पांच व्यक्तिगत किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से 13 करोड रुपये से अधिक की आय और गौयम जैसे किसान-नेतृत्व वाले माइक्रोएंटरप्राइज से करीब सात करोड़ रुपये का राजस्व शामिल है, जिसमें डेयरी-आधारित तेजी से बिकने वाला उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) उत्पाद और खनिज मिश्रण उत्पादन सुविधाएं शामिल हैं।

इसी प्रकार राजसमंद जिले के सिंदेसर कलां गांव से भी बदलाव का उदाहरण है, जहां दिनेश पुरी गोस्वामी ने समाधान के मार्गदर्शन में कम फायदे वाली पारंपरिक खेती से हटकर विविध सब्जी की खेती और बेहतर डेयरी तरीकों को अपनाया। वैज्ञानिक कीट प्रबंधन, उठी हुई क्यारियों वाली नर्सरी और पशु नस्ल सुधार को अपनाकर, दिनेश ने सिर्फ चार महीनों में सब्जी की खेती से 78 हजार रुपये की आय की, जबकि उनकी मासिक दूध की आय बढ़कर 12 हजार रुपये हो गयी। आय के स्रोतों में विविधता लाने से जोखिम काफी कम हो गया है और उनके परिवार के लिए आय में स्थिरता आयी है।

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