फगवाड़ा , नवंबर 02 -- पंजाब में रविवार को उस समय राजनीतिक बवाल मच गया जब कई दलों के नेताओं ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार पर राज्य भर में अखबारों के वितरण में कथित रूप से बाधा डालकर मीडिया कवरेज को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। लुधियाना, होशियारपुर, गुरदासपुर, अमृतसर, बठिंडा और मालवा के कुछ हिस्सों सहित विभिन्न शहरों से अखबारों की डिलीवरी में देरी की खबरें आईं, जिस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया।
फगवाड़ा के विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और फिल्लौर के विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब के सरकारी आवास संख्या 50 में कथित तौर पर ठहरने की खबरों को जनता तक पहुँचने से रोकने की कोशिश करके 'हर लोकतांत्रिक सीमा पार' कर दी है।
श्री धालीवाल ने एक बयान में कहा,"अखबारों को रोकना शासन नहीं, बल्कि दहशत है।" पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने इस घटनाक्रम को 'पंजाब में लोकतंत्र के लिए एक काला दिन' बताया। उन्होंने दावा किया कि आप सरकार आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, "वितरण वैन को रोकना दिखाता है कि सरकार सच्चाई से डरती है।"पूर्व राज्यसभा सदस्य अविनाश राय खन्ना ने कहा कि इससे पहले कभी किसी पंजाब सरकार ने प्रेस में इस तरह दखल देने की हिम्मत नहीं की। उन्होंने कहा,"सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन प्रेस की आज़ादी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सूचनाओं को सेंसर करने की ये बेताब कोशिशें सत्ताधारी दल की घबराहट को दर्शाती हैं।"भाजपा के राष्ट्रीय नेता सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने प्रशासन पर 'आपातकाल के हथकंडे' अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेताओं को वैन रोके जाने, ड्राइवरों से पूछताछ किए जाने और अखबारों के बंडलों की सख्ती से जाँच किए जाने की खबरें मिली हैं। उन्होंने यह भी कहा,"यह एक भयावह मिसाल है। इतिहास के सबसे काले दौर को छोड़कर, पंजाब ने प्रेस पर ऐसी पुलिसिंग पहले कभी नहीं देखी।"जिला भाजपा (जालंधर ग्रामीण) अध्यक्ष मुनीश धीर ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जाँच की माँग की, जिसे उन्होंने मीडिया प्रसार पर जानबूझकर और केंद्रीकृत हमला करार दिया। उनके अनुसार, छोटे शहरों में बिना अखबारों के ही सुबह हुई क्योंकि पुलिस चौकियों ने 'अस्पष्ट आधारों' पर वाहनों को रोका।
शिरोमणि अकाली दल ने भी अपना हमला तेज़ कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल के नेता रंजीत खुराना ने कहा कि इस घटना ने आप सरकार की 'अधिनायकवादी प्रवृत्ति' को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, "जब कोई सत्ताधारी दल सुर्खियों से डरने लगे, तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है। पंजाब मीडिया का दमन बर्दाश्त नहीं करेगा।"बसपा के प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह करीमपुरी ने भी प्रकाशन में देरी की निंदा की और इसे नागरिकों के अधिकारों के साथ विश्वासघात बताया। उन्होंने पूछा,"राजनीतिक उथल-पुथल के दौर में भी, पंजाब का प्रेस काम करता रहा है। अगर सरकार इस तरह के हथकंडे अपना रही है, तो इससे देश को क्या संदेश जाएगा।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित