पटना , नवंबर 8 -- चुनाव आयोग (ईसी) ने शनिवार को बिहार के समस्तीपुर जिले में कूड़े के ढेर से बड़ी संख्या में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियाँ मिलने के बाद संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिए हैं और साथ में आश्वासन भी दिया कि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बरकरार रहेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने यहाँ एक विज्ञप्ति में कहा कि आयोग ने समस्तीपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट रोशन कुशवाहा को घटनास्थल का दौरा करने और घटना की विस्तृत जाँच करने का निर्देश दिया है। आयोग ने इस बात की पुष्टि की है कि बरामद पर्चियाँ इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) चालू करने के दौरान किए गए मॉक पोल की थीं, न कि वास्तविक मतदान की।
अपने बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि बरामद वीवीपैट पर्चियाँ मॉक पोल की हैं और मतदान प्रक्रिया की शुचिता बरकरार रहेगी। ज़िला मजिस्ट्रेट ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को इसकी जानकारी दे दी है। हालाँकि, संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है और प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
यह घटना सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के पास हुई, जहाँ कमीशनिंग और डिस्पैच सेंटर के समीप ही शीतल पट्टी गाँव के पास हज़ारों वीवीपैट पर्चियाँ कथित तौर पर फेंकी हुई पाई गईं। प्रशासन ने तुरंत सामग्री जब्त कर ली और ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस बीच, ज़िला मजिस्ट्रेट रोशन कुशवाहा ने कहा कि घटनास्थल से कई कटी हुई और कुछ बिना कटी हुई पर्चियाँ बरामद की गईं। उन्होंने कहा कि कमीशनिंग के दौरान सभी उम्मीदवारों के चुनाव चिन्हों की लोडिंग की पुष्टि के लिए 5% मशीनों पर 1,000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है। इन पर्चियों के स्रोत और समय की पुष्टि विस्तृत जाँच के बाद की जाएगी।
जिलाधिकारी ने जनता से अफ़वाहें न फैलाने की अपील करते हुए, कहा कि मामला पूरी तरह से तकनीकी है और जाँच के बाद सभी पहलू स्पष्ट हो जाएँगे।
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