बेंगलुरु , नवंबर 21 -- कर्नाटक के मंत्री सतीश जारकीहोली ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन या पद पाने की आशा से दिल्ली में डेरा डाले कुछ पार्टी विधायकों की गतिविधियों को हवा में उड़ाते और तंज कसते हुए कहा कि सौ जाएं या पचास, आखिरी फैसला तो हाईकमान को ही करना है।

उन्होंने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली जाने वाले प्रतिनिधियों के पद पाने या अन्य मांगें रखने से पार्टी की अंदरूनी प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।" श्री जारकीहोली ने कहा, "यदि दस लोग पद की मांग करने या किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दिल्ली जाते हैं, तो हम कैसे प्रतिक्रिया दें? केवल मांग करने से कुछ नहीं होता। आखिरी फैसला हाईकमान ही करेगा। चाहे सौ लोग जाएं या पचास, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। निर्णय पार्टी ही करेगी।"गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के करीबी कर्नाटक कांग्रेस के कई नेता गुरुवार को दिल्ली पहुंचे थे, जिससे पार्टी नेतृत्व पर राज्य में लंबे समय से चर्चा में रहे सत्ता-साझेदारी के सूत्र को लागू करने का दबाव बढ़ गया है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब मौजूदा सिद्दारमैया सरकार के कार्यकाल के ढाई वर्ष पूरे हो रहे हैं। पार्टी नेताओं के दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से मिलकर सरकार गठन के समय किए गए आश्वासनों को पूरा करने के लिए दबाव डालने की संभावना है।

यह भी कहा जा रहा है कि शिवकुमार खेमे से और भी विधायक अगले कुछ दिनों में दिल्ली पहुंच सकते हैं, जिससे अटकलें और तेज हो गयी हैं। हालांकि ऐसे किसी सूत्र की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।

श्री जारकीहोली ने स्पष्ट किया कि इस महीने दिल्ली तथा राज्य के बाहर हुई हालिया बैठकों में मुख्यमंत्री पद की मांग पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा, "इस महीने हमारी कुल 15 बैठकों हुई हैं-10 यहां और पांच बाहर। ये सभी नियमित बैठकें थीं, जिनका किसी नेतृत्व परिवर्तन से कोई संबंध नहीं है। बाहर जो चर्चा होती है, वही यहां भी होती है। जब तक हाईकमान कोई निर्णय नहीं लेता, स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।"उधर समर्थकों के दिल्ली जाने के बावत सवाल पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि उन्हें विधायकों की योजना की जानकारी नहीं है और वह अपनी खराब सेहत के कारण बाहर नहीं निकले।

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