पटना , नवंबर 17 -- बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में परिवारवाद स्पष्ट रूप से हावी रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) चारों दलों में बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतरे, जिनका सीधा संबंध किसी न किसी राजनीतिक परिवार से था। इनमें से 29 उम्मीदवार चुनाव जीतने में भी सफल रहे।
भाजपा ने इस चुनाव में 101 उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 89 सीटों पर पार्टी ने विजय हासिल की। इन विजेताओं में 11 नेता राजनीतिक परिवारों से आते हैं। इनमें शुमार प्रमुख नामों में सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा, श्रेयसी सिंह, नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, सुजीत कुमार, रमा निषाद, केदार नाथ सिंह, विशाल प्रशांत, राकेश रंजन और त्रिविक्रम नारायण सिंह।
इन सभी नेताओं के परिवार पहले से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
जदयू ने भी 101 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 85 को जीत मिली। पार्टी के 11 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी जीत ने परिवारवाद के प्रभाव को फिर उजागर किया है। इनमें ऋतुराज कुमार, चेतन आनंद, कोमल सिंह, शालिनी मिश्रा, मंजीत कुमार सिंह, रंधीर कुमार सिंह, महेश्वर हजारी, शुभेंदु मुकेश, विभा देवी, मनोरमा देवी और अनंत सिंह के नाम शामिल हैं।
परिवारवाद के मामले में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी सबसे आगे हैं। राजग की ओर से उनकी पार्टी को 6 सीटें मिलीं, जिनमें से 5 पर उन्होंने अपने परिवार वालों को टिकट दिया।
चुनाव में उनकी बहू दीपा कुमारी, समधन ज्योति देवी और दामाद प्रफ्फुल मांझी चुनाव जीतकर विधायक बने। पार्टी के 80 प्रतिशत विजयी विधायकों का सीधा संबंध मांझी परिवार से है।
रालोमो को राजग ने 6 सीटें दी थीं। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को सासाराम से उम्मीदवार बनाया और जीत दिलाई। वहीं दिनारा से पूर्व मंत्री संतोष सिंह के भाई आलोक कुमार सिंह को टिकट दिया गया और वे भी विजयी रहे।
इस तरह रालोमो के चार में से दो विधायक परिवारवादी पृष्ठभूमि से आते हैं।
उधर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 25 विजयी उम्मीदवारों में 5 वे नेता हैं जो प्रमुख पार्टी पदाधिकारियों या पुराने राजद नेताओं के रिश्तेदार हैं।
इनमें तेजस्वी प्रसाद यादव, ओसामा शहाबुद्दीन (पूर्व सांसद शाहाबुद्दीन के बेटे), करिश्मा राय (पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती), राहुल कुमार (पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा के बेटे) और कुमार सर्वजीत (पूर्व सांसद राजेश कुमार के बेटे)।
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