लखनऊ , अक्टूबर 16 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले वर्ष के अयोध्या के चर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में बृहस्पतिवार को अभियुक्त सपा नेता मोईद अहमद की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है।

अभियुक्त की पहली जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी। हालांकि, पीड़िता व वादिनी की गवाही होने के बाद, नए सिरे से जमानत याचिका दाखिल करने की छूट भी दी थी।

न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यह आदेश अभियुक्त की जमानत अर्जी पर दिया। अभियुक्त की ओर से दलील दी गई थी कि उसे मामले में राजनीतिक कारणों से झूठा फंसाया गया है। वह 71 साल की उम्र का है और पीड़िता के बयानों तथा एफआईआर में घटना के सटीक तिथि व समय का उल्लेख नहीं है। यह भी दलील दी गई कि मामले में पीड़िता व उसकी मां की गवाही हो चुकी है, लिहाजा गवाहों को प्रभावित करने का अब सवाल नहीं है।

वहीं, जमानत याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए, कहा गया कि वर्तमान अभियुक्त व उसके साथी अभियुक्त राजू ने पीड़िता के साथ दरिन्दगी का वीडियो भी बनाया, जिस मोबाइल फोन से वीडियो बनाया गया है उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।

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