कोरबा, सितंबर 28 -- छत्तीसगढ़ के कोरबा में सड़क हादसों में घायलों को त्वरित और निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की 'कैशलेस उपचार योजना 2025' के तहत व्यवस्थाओं की समीक्षा का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को परिवहन विभाग की टीम ने कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया।

परिवहन निरीक्षक के नेतृत्व में पहुंची टीम ने सड़क हादसा पीड़ितों के लिए उपलब्ध सुविधाओं, उपचार प्रक्रियाओं और कमियों की जांच की। टीम ने अस्पताल में 'गोल्डन आवर' के दौरान तत्काल उपचार, कैशलेस इलाज और ट्रॉमा केयर जैसी सुविधाओं की उपलब्धता का जायजा लिया।

केंद्र सरकार की इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना के सात दिनों तक नामित अस्पतालों में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। निरीक्षण में पाया गया कि कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधिकांश मानकों पर खरा उतर रहा है, हालांकि कुछ सुधार की आवश्यकता बताई गई।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोपाल कंवर ने कहा, "हमने कैशलेस उपचार योजना के सभी मानकों पर पहले से काम शुरू कर दिया है। परिवहन विभाग द्वारा बताए गए बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में प्राप्त शिकायतों का भी समाधान कर लिया गया है। यह योजना सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी।"उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में कोरबा को सरकारी मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली थी। वर्तमान में यह पुराने 100 बेड अस्पताल की इमारत में संचालित है, जबकि नकटीखार में नई इमारत का निर्माण तेजी से जारी है। आने वाले वर्षों में कोरबा स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं का एक मजबूत केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

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