लखनऊ , दिसंबर, 02 -- उत्तर प्रदेश में आज एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग और ग्रामीण मार्ग का एक विशाल नेटवर्क स्थापित हो चुका है।

आधिकारिक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि राज्य में 2017 से पहले मात्र 3 एक्सप्रेस वे थे आज 22 एक्सप्रेस वाले राज्य के रूप में गणना हो रही है। इससे यातायात परिवहन में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है और तेजी से आर्थिक विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे की संख्या 1949-50 में 0 से बढ़कर 2016-17 में 3 और 2025-26 में 22 हो गई है। इसमें वर्तमान में निर्माणाधीन और प्रस्तावित एक्सप्रेसवे शामिल हैं। सड़क अवसंरचना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक आदि तक आसान पहुंच के लिए एक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर का विकास भी हो रहा है। सभी जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाले एक सड़क नेटवर्क ग्रिड का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि एक्सप्रेस वे के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश की प्रगति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार उपलब्धियों और विकास की राह पर तेजी के साथ अग्रसर है। 2004-05 और 2023-24 (अंतिम उपलब्ध आंकड़े) के बीच, उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क दोगुने से भी ज़्यादा बढ़कर 5,599 किलोमीटर से 12,292 किलोमीटर हो गया। भारत के कुल राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 2016-17 में 7.48 फीसद से बढ़कर 2023-24 में 41 प्रतिशत हो गया।

सड़कों का विस्तार राज्य के भीतर कनेक्टिविटी में सुधार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किए गए ठोस प्रयासों को दर्शाता है। इसकी वजह से राज्यों और ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुगम हुआ है। इसने व्यापार, शिक्षा व चिकित्सा सेवाओं की पहुंच को आसान बनाया है और प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आर्थिक विकास को भी गति मिली है। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में इस उल्लेखनीय वृद्धि ने न केवल अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी में सुधार किया है, बल्कि माल ढुलाई को भी सुगम बनाया है।

उत्तर प्रदेश ने पिछले आठ सालों में ग्रामीण विकास को उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ाया और राज्य भर में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी को बेहतर किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कुल सडक लम्बाई वर्ष 2013-14 में 51549.23 कि. मी. से बढ़कर वर्ष 2016-17 में मात्र 56846.93 कि.मी. हो गई थी। वहीं वर्ष 2017 के बाद तेजी से सड़कों का विस्तार हुआ है। सीएम योगी की नीतियों से बेहतर क्रियान्वयन और एकीकरण के साथ, कुल सडक लम्बाई बढ़कर वर्ष 2024-25 तक 77425.14 कि.मी. हो गयी है, जिससे अंतिम छोर तक ग्रामीण कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

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