नयी दिल्ली , अक्टूबर 09 -- केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी ने राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय को गुरुवार को संस्कृत की दुर्लभ पांडुलिपियां एवं ग्रंथों का संग्रह भेंट किया।
प्रो.वरखेड़ी ने बताया कि इन पांडुलिपियों और ग्रंथों को उन्होंने राष्ट्रपति की सचिव सुश्री दीप्ति उमाशंकर को औपचारिक रूप से भेंट किया है। इन दुर्लभ पांडुलियों तथा ग्रंथों की यह भेंट राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय को समृद्ध करने के साथ-साथ संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन और शोध में रुचि रखने वाले विद्वानों के लिए मूल्यवान संसाधन साबित होगा।
केंद्रीय संस्कृत विश्विवद्यालय के कुलपति ने बताया कि यह संग्रह सहस्राब्दियों से चली आ रही संस्कृत विद्वत्ता का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें आयुर्वेद, साहित्य एवं पारंपरिक विद्याओं से संबंधित अनेक दुर्लभ ग्रंथ सम्मिलित हैं, जो भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणाली की गहराई और विविधता को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने बताया कि ये ग्रंथ तथा पांडुलिपियां भारत की प्राचीन ज्ञान-परंपरा के संरक्षण और प्रसार के उद्देश्य से दुर्लभ और अमूल्य धरोहर है जिसे उन्होंने संग्रहीत कर राष्ट्रपति भवन को सौंपा है।
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