नयी दिल्ली , दिसंबर 22 -- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और 'विकसित भारत - गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण' (वीबी - जी राम जी) अधिनियम की समीक्षा करने के लिये 29 दिसंबर की प्रस्तावित बैठक में ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण विकास मंत्रालय) के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।
इस बैठक में वीबी - जी राम जी अधिनियम पर विस्तृत जानकारी दी जायेगी और पुरानी एवं नयी योजना की तुलना की जायेगी। यह बैठक वीबी - जी राम जी विधेयक को संसद के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मंजूरी देने के पश्चात हो रही है। इस नये कानून का मकसद ग्रामीण रोजगार और आजीविका गारंटी के लिये एक नया ढांचा देना है। इसे दो मुख्य आधारों पर विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है। पहला यह कि यह प्रभावी रूप से महात्मा गांधी के नाम पर चल रहे प्रमुख ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम की जगह लेता है और उसे खत्म करता है। दूसरा यह कि नया अधिनियम पुरानी योजना से गांधी का नाम हटाता है, जिससे सरकार की मंशा पर विवाद खड़ा हो गया है।
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