नयी दिल्ली , नवंबर 26 -- केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर नागरिकोंं से भारतीय संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के प्रति अपना समर्पण दिखाने की अपील की।

श्री रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किए गए एक संदेश में संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि को याद किया और न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे को बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। ये मूल्य भारत की लोकतांत्रिक पहचान को परिभाषित करते हैं। उन्होंने लिखा, "हम संविधान दिवस पर उस दूरदृष्टि को याद करते हैं जिसने भारत के लोकतंत्र की नींव रखी। इस संविधान दिवस पर, आइए हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के प्रति अपने आपको फिर से समर्पित करें-ये वे सिद्धांत हैं जो बताते हैं कि हम कौन हैं।"संविधान दिवस, जिसे 'समविधान दिवस' भी कहा जाता है । भारत में हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है क्याेंकि 1949 में आज ही के दिन भारत की संविधान सभा ने संविधान को औपचारिक रूप से अंगीकृत किया था। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। वर्ष 2015 से पहले 26 नवंबर को संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में 'राष्ट्रीय विधि दिवस' के रूप में मनाया जाता था। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि मंत्री भी थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह 11 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस वर्ष संविधान अंगीकृत होने की 76वीं वर्षगांठ है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा दोनों सदनों के सांसद भी उपस्थित थे।

समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इसके अतिरिक्त संविधान के अनुवादित संस्करण मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित नौ भाषाओं में जारी किए जाएंगे।इस दौरान "आर्ट एंड कैलिग्राफी इन द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन" नामक एक स्मृति पुस्तिका भी विमोचन किया।

इसी बीच कांग्रेस ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को 26 नवंबर को 'संविधान बचाओ दिवस' के रूप में मनाने का निर्देश दिया है। अपने पत्र में पार्टी ने इस वर्ष इसे मनाने के विशेष महत्व पर बल दिया और देश के लोकतांत्रिक संस्थानों तथा संवैधानिक मूल्यों के सामने गंभीर चुनौतियों का उल्लेख किया।

पार्टी की विज्ञप्ति में कहा गया है, "संविधान दिवस के पावन अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से अपील करती है कि 26 नवंबर को पूरे देश में 'संविधान बचाओ दिवस' मनाया जाये। हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों और संविधान की मूल भावना के सामने पहले कभी नहीं देखी गयी चुनौतियों के मद्देनज़र इस वर्ष इसे मनाना अत्यंत आवश्यक है।"पार्टी ने कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा जैसे मूल संवैधानिक सिद्धांतों पर दबाव बढ़ रहा है। पत्र में कथित चुनावी अनियमितताओं, संस्थागत दुरुपयोग और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के माध्यम से मतदाता सूची में बदलाव की कोशिशों जैसी चिंताओं की ओर इशारा किया गया। पार्टी के अनुसार ये प्रवृत्तियां संवैधानिक नैतिकता और लोकतांत्रिक मानदंडों को कमज़ोर कर रही हैं। पार्टी ने सदस्यों से इन मुद्दों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने और संविधान तथा उसके संस्थानों की रक्षा के प्रति अपने संकल्प को फिर से दोहराने को कहा है।

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