संयुक्त राष्ट्र, सितंबर 27 -- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद शुक्रवार को 2015 के ईरान परमाणु समझौते (जेसीपीओए) को छह महीने तक बढ़ाने वाला प्रस्ताव पारित करने में असफल रही जिससे ईरान को कूटनीति के लिए कुछ समय मिल जाता।
यदि यह मसौदा प्रस्ताव पारित हो जाता है तो यह ईरान और छह शक्तिशाली देशों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते को छह महीने के लिए और बढ़ा देता। साथ ही इसे समर्थन देने वाली सुरक्षा परिषद के संकल्प 2231 को भी विस्तार दे देता। यह ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की "स्नैपबैक" प्रक्रिया को भी रोक देता।
चीन और रूस द्वारा प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव को चार वोट पक्ष में (अल्जीरिया, चीन, पाकिस्तान, रूस), नौ वोट विरोध में और दो तटस्थ मत (गुयाना, दक्षिण कोरिया) प्राप्त हुए। इसे पारित होने के लिए नौ सकारात्मक वोटों की आवश्यकता थी।
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई3) ने 28 अगस्त को ईरान के "महत्वपूर्ण गैर-प्रदर्शन" का हवाला देकर स्नैपबैक तंत्र को सक्रिय करने का दावा किया था। हालांकि, ई3 की कार्रवाई की वैधता पर सवाल उठे हैं, क्योंकि उन्होंने विवाद समाधान तंत्र (डीआरएम) का पालन नहीं किया, जो जेसीपीओए और संकल्प 2231 के तहत विवाद सुलझाने के लिए 35 दिन का समय देता है।
यह परिणाम 19 सितंबर को दक्षिण कोरिया द्वारा प्रस्तुत एक समान प्रस्ताव की विफलता के अनुरूप है, जो प्रतिबंधों में राहत को जारी रखता। संकल्प 2231, जो जेसीपीओए को समर्थन देता है, 18 अक्टूबर, 2025 को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध के लिए अप्रासंगिक हो जाएंगे।
चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने मतदान के परिणाम पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि संवाद और कूटनीति ही ईरान परमाणु मुद्दे का एकमात्र समाधान है। उन्होंने सभी पक्षों से शांति और संयम बरतने का आग्रह किया। रूस के प्रथम उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोल्यांस्की ने कहा कि स्नैपबैक तंत्र लागू नहीं हुआ है और न ही होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि 2015 से पहले के प्रतिबंधों को फिर से शुरू करने की कोई कोशिश शून्य और अमान्य होगी।
ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने स्नैपबैक को अस्वीकार करते हुए कहा कि ई3 ने जेसीपीओए और संकल्प 2231 का उल्लंघन किया है, जिसके कारण वे "गैर-प्रदर्शन" का दावा करने का अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर, 2025 के बाद प्रतिबंधों का कोई भी विस्तार मान्य नहीं होगा।
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