नयी दिल्ली , अक्टूबर 24 -- विदेश मंत्री डा.एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की जोरदार वकालत करते हुए शुक्रवार को कहा कि वैश्विक संस्था की निर्णय लेने की प्रक्रिया मौजूदा वैश्विक प्राथमिकताओं के अनुरूप नहीं है और सभी को उसकी मूल भावना को बनाए रखते हुए इसके पुनर्गठन की चुनौती का सामना करना चाहिए।

डा जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की 80 वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां स्मारक डाक टिकट जारी करने के बाद कहा कि दुनिया आज भी कई बड़े संघर्षों का सामना कर रही जो मानव जीवन पर भारी असर डाल रहे हैं। विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों ने इस पीड़ा को महसूस किया है।

उन्होंने कहा , " संयुक्त राष्ट्र दिवस पर मैं शांति और सुरक्षा के साथ-साथ विकास और प्रगति के आदर्शों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराना चाहता हूं। भारत हमेशा से संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद का प्रबल समर्थक रहा है और आगे भी रहेगा।"विदेश मंत्री ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता अन्य बातों के अलावा शांति स्थापना के प्रति हमारे दृढ़ समर्थन में परिलक्षित होती है।

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