अमृतसर, सितम्बर 24 -- श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने बुधवार को संगरूर जेल में बंद अमृतसर के संदीप सिंह के मामले की पैरवी कर रहे वकीलों, घुम्मन बंधुओं पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दबाव डालने की नीति की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस कृत्य को अत्यंत निंदनीय और पक्षपातपूर्ण बताया है। जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि संदीप सिंह को अपने खिलाफ शुरू की गई किसी भी कानूनी कार्यवाही में बचाव करने के लिए अपनी पसंद के किसी भी वकील से कानूनी सहायता लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि घुम्मन बंधुओं पर डाला जा रहा दबाव सरकार की नीति का हिस्सा प्रतीत होता है, जो न तो न्यायसंगत है और न ही निष्पक्ष। उन्होंने कहा कि जेल और पुलिस प्रशासन द्वारा संदीप सिंह को प्रताड़ित किए जाने के बाद, अदालत के आदेशों के बावजूद शुरुआत में उनकी मेडिकल जाँच नहीं कराई गयी। सिखों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और इस देरी की व्यापक रूप से निंदा की गई। उन्होंने कहा कि कुछ सिख संगठनों को जेल और पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करने पड़े। ऐसे में, अगर घुम्मन बंधुओं ने संदीप सिंह के वकील के तौर पर, मीडिया के माध्यम से पंजाब के लोगों के साथ उस पर हुए अत्याचार की जानकारी साझा की है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यातना का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जाता, तो उनके अधिकारों का हनन जारी रहता और यह उनके साथ घोर अन्याय होता। जत्थेदार गडगज्ज ने ज़ोर देकर कहा कि बंदियों के मानवाधिकारों की रक्षा करना सरकार की ज़िम्मेदारी है, न कि उन्हें यातना देने या ऐसी हरकतों पर पर्दा डालने की। उन्होंने घोषणा की कि संदीप सिंह का केस लड़ने में घुम्मन बंधुओं के दृढ़ रुख को सिख समुदाय और श्री अकाल तख्त साहिब का पूरा समर्थन प्राप्त है। उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सिख वकील सिमरजीत सिंह पर कुछ वकीलों द्वारा हाल ही में हुए हमले की भी कड़ी निंदा की और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता सिंह पर हमले के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन प्रशासन संदीप सिंह मामले से जुड़े लोगों पर दबाव बनाने की नीति पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है, जिससे उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह पैदा होता है।
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