श्री आनंदपुर साहिब , नवंबर 08 -- शिरोमणि अकाली दल बुड्ढा दल के प्रमुख निहंग सिंह जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह ने शनिवार को बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी शताब्दी समागम 23 से 25 नवंबर तक गुरु का बाग छावनी, बुड्ढा दल, श्री आनंदपुर साहिब में गुरुमती मर्यादा के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 23 नवंबर को श्री अखंड पाठ साहिब का आरंभ होगा, जिनका भोग 25 नवंबर को डाला जाएगा। इसी दिन छावनी में "सर्व धर्म सम्मेलन" का भी आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश से विभिन्न धर्मों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल होंगे।
आज गुरु का बाग छावनी बुड्ढा दल में पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई विशेष बैठक के बाद जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष न केवल श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहीदी शताब्दी मनाई जा रही है, बल्कि दसवें पातशाह गुरु गोबिंद सिंह के गुरता गद्दी दिवस की शताब्दी भी मनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से गुरु का बाग छावनी बुड्ढा दल में रहित मर्यादा के अनुसार सभी धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 24 नवंबर को गुरुद्वारा बिबानगढ़ साहिब, श्री कीरतपुर साहिब से 'शीश भेंट यात्रा' का आरंभ होगा, जिसमें सभी निहंग सिंह जत्थेबंदियां हिस्सा लेंगी। यह यात्रा गुरुद्वारा शीश गंज साहिब, श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न होगी।
पंजाब पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली ने समस्त कार्यक्रमों की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि गुरु का बाग छावनी बुड्ढा दल में 23 नवंबर को श्री अखंड पाठ साहिब की शुरुआत होगी, जिसका समापन 25 नवंबर को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में पहली बार विरासत-ए-खालसा, श्री आनंदपुर साहिब में 500 ड्रोन की मदद से श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन को समर्पित ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा, जो 23 से 29 नवंबर तक प्रतिदिन होगा।
श्रद्धालुओं के मुफ़्त ठहरने की सुविधा के लिए 19 से 29 नवंबर तक तीन विशाल 'टेंट सिटी' का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें संगतों को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 नवंबर को चरण गंगा स्टेडियम में गुरु साहिब की अद्वितीय शहादत को समर्पित लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाएगा। 23 से 25 नवंबर तक गुरु का बाग छावनी बुड्ढा दल में गुरमत समागम होंगे, जिनमें महान कीर्तन दरबार, सर्व धर्म सम्मेलन, ढाढी-कवीशरी दरबार और प्रसिद्ध कीर्तन जत्थों द्वारा गुनगान किया जायेगा।
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