वाराणसी , दिसंबर 12 -- श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को शनिवार को चार वर्ष पूरे हो जाएंगे। शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इन चार वर्षों में धाम में धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा भक्तों की सुविधा, सुगम दर्शन और सुरक्षा के कई नए आयाम स्थापित हुए हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या वर्ष 2024 में 6 करोड़ 23 लाख से अधिक थी और वर्ष 2025 में यह संख्या अभी तक 6 करोड़ 66 लाख को पार कर चुकी है। 13 दिसंबर 2021 से अब तक चार वर्षों में 26 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी श्रद्धालु बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।
सनातन परंपराओं के ध्वजवाहक श्री काशी विश्वनाथ धाम ने वर्ष 2024 से अब तक अपनी दिव्यता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कई नवाचार किए हैं। इन दो वर्षों में हुए सतत नवाचारों से न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव में वृद्धि हुई है, बल्कि दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जो पर्यटन उद्योग को नई गति प्रदान कर रही है तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र से जनपद के कैंसर अस्पताल तथा जिला चिकित्सालयों में ठहरे तीमारदारों और जनपद के संस्कृत विद्यालयों के छात्रों के लिए भोजन की व्यवस्था मंदिर न्यास द्वारा शुरू की गई है। जुलाई 2024 से पहली बार काशीवासियों के लिए नवीन प्रवेश मार्ग का संचालन शुरू किया गया। इसके तहत सभी काशीवासियों को अपना स्थानीय पहचान-पत्र दिखाने पर प्रातः 4 से 5 बजे तथा सायं 4 से 5 बजे के बीच दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है।
विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत सितंबर 2024 में शुरू की गई व्यवस्था से विदेश में रहने वाले दर्शनार्थी आसानी से अपना दान सीधे मंदिर न्यास के खाते में जमा कर सकते हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से 13 जून 2024 से पहली बार वर्चुअल दर्शन की शुरुआत की गई। इस तकनीकी पहल के माध्यम से श्रद्धालु अब बाबा विश्वनाथ की पांचों आरतियों (मंगला आरती, मध्याह्न भोग आरती, सप्तऋषि आरती, श्रृंगार आरती तथा शयन आरती) का वर्चुअल रूप में अनुभव कर सकते हैं।
सावन मास, महाशिवरात्रि तथा अन्य विशिष्ट पर्वों पर धाम में दर्शन के लिए कतार में लगे श्रद्धालुओं का पुष्प-वर्षा से स्वागत किया जाने लगा है। श्रावण माह-2025 में मंदिर न्यास ने धाम को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए व्यापक अभियान चलाया। इसके तहत 11 अगस्त 2025 से धाम में प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के साथ प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित