चंडीगढ़ , अक्टूबर 07 -- पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के संबंध में कई प्रमुख परियोजनाएं शुरू की हैं तथा पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग को इन स्मरणोत्सवों के लिए नोडल विभाग नियुक्त किया गया है।
श्री सोंद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने श्री आनंदपुर साहिब को विश्व स्तरीय आध्यात्मिक और विरासत स्थल में बदलने के लिए एक व्यापक योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस पहल का एक प्रमुख आकर्षण भाई जैता जी स्मारक है, जिसे हाल ही में जनता को समर्पित किया गया है। पांच एकड़ में फैले इस स्मारक (जिसमें दो एकड़ का आच्छादित क्षेत्र और 3,200 वर्ग फुट निर्मित स्थान शामिल है) में पाँच दीर्घाएँ प्रदर्शित हैं जो भाई जैता जी के जीवन, बलिदान और विरासत को दर्शाती हैं। भाई जैता जी सिख इतिहास के एक पूजनीय व्यक्ति थे, जिन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के "शीश" को दिल्ली से आनंदपुर साहिब तक पहुँचाया था।
उन्होंने बताया कि स्मारक का डिज़ाइन गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के वास्तुकला विभाग द्वारा तैयार किया गया था। यह परियोजना दो चरणों में पूरी हुई है, पहले चरण में 17 करोड़ रुपये की लागत से मुख्य भवन का निर्माण शामिल था और इसका उद्घाटन फरवरी 2024 में हुआ था। दूसरे चरण में तीन करोड़ रुपये की लागत से पाँच विषयगत दीर्घाएँ शामिल थीं जिनका उद्घाटन हाल ही में मुख्यमंत्री ने किया था।
श्री सोंद ने बताया कि भाई जैता जी का जीवन सिख इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जो अद्वितीय भक्ति, साहस और बलिदान का प्रतीक है। पाँच दीर्घाओं में आशीर्वाद इसमें भाई जैता जी के पूर्वजों और जन्म का चित्रण है। इस परिसर में एक उपहार की दुकान भी है और पंजाब के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर प्रदर्शनियां भी हैं। उन्होने कहा कि पूर्व की सरकारों की उपेक्षा के कारण यह परियोजना रुकी हुई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे आगे बढ़ाने के लिए नियमित रूप से इसकी समीक्षा की है और धन का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित किया है।
मंत्री ने बताया कि मुख्य सड़क से तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक जाने वाली एक हेरिटेज स्ट्रीट का निर्माण सफेद संगमरमर (संगमरमार) से 18 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पांच अक्टूबर को इस परियोजना का शिलान्यास किया था और यह 10 महीनों में पूरी हो जाएगी, 580 मीटर लंबे इस पथ में छह भव्य प्रवेश द्वार होंगे, जिनमें एक प्रभावशाली मुख्य द्वार, सरोवर के पास के द्वार, पार्किंग क्षेत्र और गुरु तेग बहादुर संग्रहालय शामिल हैं। संगमरमर के इस पथ पर, छाया और आध्यात्मिक प्रतीक प्रदान करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित आम, नीम, बोहर, पीपल और सिम्बल जैसे पेड़ लगाए जाएँगे।
श्री सोंद ने कहा कि इस परियोजना से पंजाब में धार्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा श्री आनंदपुर साहिब एक वैश्विक आध्यात्मिक एवं विरासत स्थल बन जाएगा। उन्होंने बताया कि 350वीं शहीदी वर्षगांठ समारोह के आधिकारिक "लोगो" का अनावरण मुख्यमंत्री ने 25 सितंबर को किया था। समारोह की तैयारियों पर चर्चा के लिए हाल ही में सिख संतों, विद्वानों और आध्यात्मिक नेताओं के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक भी हुई थी।
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