कोलंबो , नवंबर 27 -- हाल के वर्षों में सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा से गुज़र रहे श्रीलंका में भारी बारिश और कई भूस्खलनों के बाद 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कम से कम 14 लोग गायब हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
डीएमसी ने अपने बयान में कहा कि इस आपदा के कारण हज़ारों की संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस मौसम ने 17 जिलों के 1,158 परिवारों का जीवन प्रभावित किया है। डीएमसी ने कहा कि 10 लोग घायल हुए हैं। तीन घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं जबकि 381 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। कम से कम 131 लोगों को अस्थायी सुरक्षा केंद्रों में विस्थापित किया गया है।
बदुल्ला जिले में सबसे ज्यादा 18 लोग मारे गये हैं, जबकि केगल्ला में सात लोगों ने अपनी जान गंवायी है। नुवारा एलिया में इस मौसम के कारण चार लोगों का निधन हुआ है। डीएमसी ने बताया कि हंबनटोटा और कुरुनेगला में एक-एक व्यक्ति की जान जाने की खबर है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ के अलावा सड़कें बंद होने का भी खतरा है। खासकर केंद्रीय और पहाड़ी क्षेत्रों में।
बिगड़ते हालात के बीच यहां परीक्षा विभाग ने गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को होने वाली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा की है। परीक्षा महा आयुक्त ने कहा है कि भारी बारिश के कारण कई जिलों में आवागमन बाधित होने और बड़ी सड़कों के बंद होने के कारण यह फ़ैसला लिया गया है। आपातकालीन दल अधिक जोखिम वाले इलाकों में खोज-बचाव अभियान चला रहे हैं, जबकि सरकार लोगों से भूस्खलन चेतावनियों और बढ़ते जलस्तर के प्रति चौकन्ना रहने का अनुरोध कर रही है।
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