चेन्नई , अक्टूबर 09 -- श्रीलंका नौसेना ने गुरुवार को समुद्र में मछली पकडने गये तमिलनाडु के 47 मछुआरों को गिरफ्तार कर उनकी नाैकाएं भी जब्त कर ली । इसके बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर मछुआरों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

इस वर्ष की यह पहली घटना है कि एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये मछुआरे, रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम इलाके के रहने वाले हैं। इन्हें श्रीलंका की नौसेना ने श्रीलंकाई जलक्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

उन्हें तटीय शहर रामेश्वरम के पास गिरफ्तार किया गया, जबकि उनमें से 17 को पहले गिरफ्तार किया गया था और 30 अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया था। श्रीलंका नौसेना ने उनके मछली पकड़ने वाले कुल पांच ट्रॉलर भी जब्त किये हैं।

गिरफ्तार मछुआरों और उनकी नौकाओं को जाफना ले जाया गया है। गिरफ्तारी की ताजा घटना से मछुआरा समुदाय में काफी नाराजगी है। उन्होंने इस जटिल मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग करते हुये केंद्र और राज्य सरकारों से अपने जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकार को बहाल करने का आग्रह किया है।

इस बीच श्री स्टालिन ने मछुआरों की गिरफ्तारी की निंदा की और विदेश मंत्री से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिये राजनयिक चैनलों के माध्यम से कदम उठाने को कहा है। उन्होंने भारत और श्रीलंका के मछुआरा संघों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) को भी पुनर्जीवित करने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री को लिखे एक अर्ध-आधिकारिक पत्र में कहा कि आज सुबह श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 47 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी पांच नौकाओं को जब्त करने की बात उनके ध्यान में लायी गयी है।

इस घटना ने मछुआरा समुदाय के भीतर गहरा संकट पैदा कर दिया है, तटीय जिलों में भय और अनिश्चितता फैल गई है। श्री स्टालिन ने कहा कि 2025 में यह पहला उदाहरण है जहां एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में मछुआरों को पकड़ा गया है।

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