चेन्नई , अक्टूबर 12 -- तमिलनाडु में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों की लगातार गिरफ्तारियों और हमलों के खिलाफ रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम में मछुआरा संघों द्वारा शुरू की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को दूसरे दिन भी जारी रही।

मशीनीकृत नावों के मालिक भी शनिवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने अपनी नावों को समुद्र तट के किनारे लगा दिया है और वे समुद्र में जाने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने का आग्रह किया है। रिपोर्टों के अनुसार 700 से अधिक मशीनीकृत ट्रॉलरों के मालिकों ने लगातार हो रही गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए रामेश्वरम घाट पर हड़ताल शुरू की है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस हड़ताल से मछली पकड़ने से जुड़े एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इससे प्रतिदिन लगभग 6-7 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। अपने बच्चों को गोद में लिए रोती-बिलखती महिलाओं के साथ प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए। उन्होंने लंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को लगातार परेशान किए जाने की निंदा की और केंद्र एवं राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे पाक जलडमरूमध्य में मछली पकड़ते समय मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि पाक जलडमरूमध्य की उथली गहराई के कारण भारत के बड़े जहाज या नाव अक्सर श्रीलंका की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।

यह हड़ताल दो दिन पहले 47 मछुआरों की गिरफ्तारी के विरोध में शुरू हुई है जब वे पाक जलडमरूमध्य में मछली पकड़ रहे थे और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार कर गए थे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा की और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को एक पत्र लिखकर राजनयिक माध्यमों से कदम उठाने का अनुरोध किया। ताकि मछुआरों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित हो सके।

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