श्रीगंगानगर , दिसम्बर 16 -- राजस्थान में संयुक्त किसान मोर्चा ने श्रीगंगानगर जिले की सिंचाई व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए पंजाब में स्थित फिरोजपुर फीडर नहर के पुनर्निर्माण कार्य के लिए आगामी जनवरी में पानी की बंदी नहीं लेने की मांग की है।
संयुक्त किसान मोर्चा के तहत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा कि इसके बजाय इस बंदी को अप्रैल में लिया ताकि जिले की फसलों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। मोर्चा का कहना है कि जनवरी में ठंड की अधिकता के कारण सरसों, गेहूं, चना और बागवानी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
प्रतिनिधमंडल में किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई, किसान आर्मी के संयोजक एवं पूर्व पार्षद मनिंदरसिंह मान, रमनप्रीतसिंह रंधावा, शीतलसिंह, असलम खान, मोहनसिंह सहित अन्य किसान नेता शामिल थे। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि फिरोजपुर फीडर नहर श्रीगंगानगर जिले की गंगनहर (बीकानेर नहर) को पानी उपलब्ध कराती है। जनवरी में पानी की बंदी ली गई, तो खेतों में खड़ी फसलों को सिंचाई न मिलने से भारी क्षति होगी। विशेष रूप से सरसों की फसल पर ठंड के कारण होने वाले नुकसान का अंदेशा जताया गया है, क्योंकि इस मौसम में फसलों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है। गेहूं और जौ जैसी फसलों को भी नियमित सिंचाई की जरूरत पड़ती है, जो बंदी की स्थिति में पूरी नहीं हो सकेगी।
मोर्चा ने ज्ञापन में वैकल्पिक व्यवस्थाओं की भी मांग की है। संयुक्त मोर्चा का सुझाव है कि पुनर्निर्माण के दौरान पानी की बंदी होने पर पंजाब क्षेत्र में पुरानी बीकानेर नहर, पूर्वी नहर और लिंक चैनल को सक्रिय किया जाए। इससे श्रीगंगानगर जिले को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। मोर्चा ने सरकार से आग्रह किया है कि फिरोजपुर फीडर नहर के पुनर्निर्माण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति को जल्द स्पष्ट किया जाए और किसानों को वैकल्पिक पानी व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। जनवरी में बंदी लागू की गई तो किसानों को मजबूरन धरना, प्रदर्शन और आंदोलन जैसे कदम उठाने पड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि पांच दिसम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रीगंगानगर का दौरा करके फिरोजपुर फीडर नहर के पुनर्निर्माण परियोजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना के लिए टेंडर पहले ही जारी हो चुके हैं और चर्चा है कि निर्माण कार्य जनवरी में ही शुरू हो सकता है। इसी कारण पानी की बंदी की संभावना पर किसानों में चिंता व्याप्त है।
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