झाबुआ , दिसंबर 12 -- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़े धार्मिक-सांस्कृतिक फैसले की घोषणा करते हुए आज कहा है कि धार और झाबुआ जिले में भगवान श्रीकृष्ण की स्मृतियों से जुड़े स्थानों को 'श्रीकृष्ण पाथेय' में शामिल कर तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्री यादव ने जिले के ग्राम समोई में आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म महोत्सव में उपस्थित श्रृद्धालुओं को भोपाल से वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज झाबुआ-निमाड़ में आनंद बरस रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन अद्भुत रहा है। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया। भगवान श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले प्रणामी सम्प्रदाय के द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी महोत्सव सर्वधर्म संभाव और सनातन मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि 400 वर्ष पूर्व सद्गुरू श्री देवचन्द्र जी महाराज के द्वारा प्रारंभ किये गये प्रणामी संप्रदाय के लिये वे आज अखण्ड सनातन परंपरा का प्रकाश स्तंभ है। प्रणामी सम्प्रदाय का व्यापक प्रचार-प्रसार प्राणानाथ स्वामी और उनके शिष्य महाराज छत्रसाल ने किया था। प्रणामी संप्रदाय के प्रमुख 3 धामों नवतनपुरी धाम जामनगर (गुजरात), महामंगलपुरी धाम सूरत (गुजरात) तथा मुक्ति पीठ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना (मध्यप्रदेश) में से एक धाम पद्मावतीपुरी है, जो कि हमारे प्रदेश के पन्ना शहर में है। श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म एक ऐसा मार्ग है, जो कृष्ण भक्ति, आध्यात्मिक ज्ञान और सार्वभौमिक भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है।
इस कार्यक्रम में संतों के साथ अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, धार-झाबुआ सांसद श्रीमती अनीता नागर सिंह चौहान, कलेक्टर नेहा मीना, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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