अमृतसर , दिसंबर 19 -- पंजाब में अमृतसर की ऑल इंडिया पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसाइटी ने गन्ने की पैदावार बढ़ाने पर पंजाब की अलग-अलग शुगर मिलों में तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया।
भगत पूरन सिंह नेचुरल फार्म (धीरेकोट) के प्रभारी राजबीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि सेमिनार का मुख्य उदेश्य ज़मीन मालिकों, किसानों और शुगर मिल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को गन्ने का वज़न चार से पांच किलोग्राम तक बढ़ाने के बारे में साइंटिफिक, एक्सपेरिमेंटल और एक्सपीरियंस पर आधारित जानकारी देना था। उन्होंने कहा कि पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा चलाया जा रहा भगत पूरन सिंह नेचुरल एग्रीकल्चर फार्म और रिसर्च सेंटर एक ज़रूरी और प्रेरणा देने वाली पहल है, जिसका मुख्य मकसद कुदरत के साथ तालमेल बिठाकर सेहतमंद और पौष्टिक खाना पैदा करना, खेती को लंबे समय तक बनाये रखना और समाज की भलाई को मज़बूत करना है।
श्री सिंह ने कहा कि इस नेचुरल फार्म में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बजाय पूरी तरह से कुदरती तरीके अपनाये जाते हैं, जिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है और पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता। यहां उगायी जाने वाली सब्जियां, अनाज और दूसरी फसलें पिंगलवाड़ा के आश्रमों, अस्पतालों और लंगरों में रहने वाले अनाथ, बीमार, बूढ़े और लाचार लोगों के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जिससे उन्हें साफ़, सुरक्षित और पौष्टिक खाना मिलता है।
श्री सिंह ने बताया कि धीरेकोट सिर्फ़ एक खेत नहीं, बल्कि एक सेवा आंदोलन है, जो एक सेहतमंद समाज, सुरक्षित माहौल और खुशहाल खेती की नींव रखता है। इस सेमिनार में सुरेश देसाई (बेलगाम, कर्नाटक) ने चीफ स्कॉलर के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने गन्ने की एडवांस्ड वैरायटी, बीज का चुनाव, फर्टिलाइजर मैनेजमेंट, पानी का सही इस्तेमाल, बीमारी नियंत्रण और खेती की मॉडर्न टेक्नीक के बारे में डिटेल में जानकारी दी, जिससे गन्ने की पैदावार और वज़न बढ़ाया जा सकता है। खालसा कॉलेज में एक बायो कंट्रोल लैब शुरू की गयी, जिसमें गन्ने के मित्र कीड़े तैयार किये जाते हैं। गन्ने में होने वाली बीमारियों, मित्र कीड़ों के लगाने से गन्ने की पैदावार और गन्ने की शुगर बढ़ती है और जमींदारों की गन्ने की पैदावार बढ़ती है।
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