मुंबई , अक्टूबर 01 -- महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के दो अक्टूबर को यहां दादर पश्चिम स्थित शिवाजी पार्क में आयोजित वार्षिक दशहरा रैली में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संस्थापक राज ठाकरे को आमंत्रित किए जाने की संभावना जतायी गयी है।
शिवसेना नेताओं के अनुसार यह रैली दिवंगत शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के पदचिन्हों पर चलेगी जिन्होंने 1966 में इस परंपरा की शुरुआत की थी।
पार्टी के नेताओं के अनुसार अगर श्री राज ठाकरे इस निमंत्रण को स्वीकार करते हैं तो यह महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत का संकेत माना जा सकता है और सबसे महत्वपूर्ण बात बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर नियंत्रण की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को शाम पांच बजे आयोजित इस रैली में श्री उद्धव ठाकरे दशहरा रैली में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों, विशेष रूप से जनवरी 2026 में होने वाले बीएमसी चुनावों का बिगुल फूंकेंगे। अगर राज ठाकरे इस रैली में शामिल होते हैं, तो यह शिवसेना-मनसे गठबंधन द्वारा भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को टक्कर देने का संकेत होगा।
इस बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि उनकी पार्टी शिवसेना अपनी दशहरा रैली पूर्व घोषित आज़ाद मैदान के बजाय गोरेगांव के नेस्को सेंटर में शाम छह बजे आयोजित करेगी।
पार्टी के नेताओं ने बताया कि श्री शिंदे ने कहा कि इस कार्यक्रम में केवल मुंबई महानगर क्षेत्र के लोग ही शामिल होंगे, जबकि अन्य क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं को मराठवाड़ा क्षेत्र में बारिश से प्रभावित किसानों की सहायता करने का निर्देश दिया गया है।
शिंदे सेना की रणनीति इस रैली को "शक्ति प्रदर्शन" और "जनसंपर्क अभियान" दोनों बनाने की है। पार्टी के वरिष्ठ मंत्री और कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। शिंदे सेना ने दशहरा कार्यक्रम को बाढ़ पीड़ितों की मदद और धन जुटाने से भी जोड़ा है।
दोनों पार्टियों ने अपने-अपने दशहरा कार्यक्रमों से पहले अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने परंपरा और अविभाजित शिवसेना की विरासत पर केंद्रित टीज़र जारी किए हैं, जो "असली शिवसेना" की छवि पेश करने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री शिंदे की शिवसेना ने भी अपनी ताकत दिखाने के लिए बड़ी संख्या में पोस्टर और वीडियो जारी किए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस और प्रशासन दोनों शिवसेना की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और शिवाजी पार्क के साथ-साथ नेस्को सेंटर में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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