मोगा , नवंबर 27 -- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पंजाब दौरे दौरान गुरुवार को मोगा जिले के रणसिंह कलां गांव का दौरा किया और यहां पिछले छह सालों से पराली न जलाने के लिए किसानों की तारीफ़ की।

श्री चौहान ने कहा कि वह गांव की इस कामयाबी को देश को दिखाएंगे ताकि दूसरे भी इसका अनुसरण करें। इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एम एल जाट के साथ, उन्होंने किसानों को चावल की फ़सल में कम पानी इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया। बाद में, वह जालंधर में मनरेगा के फ़ायदों से बातचीत करेंगे और यहां केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय की अलग-अलग योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे। शाम को, वह जालंधर के बादशाहपुर में सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट में किसानों से भी बातचीत करेंगे।

श्री चौहान ने गांव के सरपंच मिंटू के घर पर, पारंपरिक चारपाई पर बैठे और 'सरसों का साग', 'मक्की की रोटी' और 'लस्सी' के पंजाबी खाने का मज़ा लिया। उन्होंने शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि गांववालों का प्यार और मेहमाननवाज़ी पंजाब की समृद्ध संस्कृति और प्यार को दिखाती है। किसानों के साथ उनकी बातचीत मुख्य रूप से पराली प्रबंधन और गांव की आय बढ़ाने के तरीकों पर केन्द्रित थी। उन्होंने माना कि पराली जलाना एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है, लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि अच्छी बातचीत और सही मदद से, फसल के बचे हुए हिस्से को बोझ के बजाय एक कीमती संसाधन में बदला जा सकता है। उन्होंने पराली जलाने के मामलों में 83 प्रतिशत की कमी लाने के लिए पंजाब की तारीफ़ की और राज्य की तरक्की को एक ऐसा मॉडल बताया, जिसे पूरे देश में अपनाया जा सकता है।

इस अवसर पर उनके साथ उपस्थित पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पराली जलाना किसानों के लिए एक असली चिंता है, लेकिन प्रैक्टिकल और किसान-फ्रेंडली समाधान इस चुनौती को आर्थिक फ़ायदे में बदल सकते हैं। उन्होंने लंबे समय के समाधान तक पहुंचने के लिए किसानों के साथ लगातार जुड़ने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

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