बेंगलुरु , नवंबर 27 -- कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भले ही अपने मुंबई दौरे को एक 'निजी यात्रा' करार दिया हो, लेकिन कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक खींचतान के बीच इस दौरे ने कई अटकलों को हवा दी है।

श्री शिवकुमार ने गुरुवार को यात्रा से पहले मीडिया से कहा, "अभी तक किसी ने मुझे (दिल्ली) नहीं बुलाया है। मैं कल भी यहां (बेंगलुरु में) रहूंगा। आज मैं एक निजी आयोजन के लिए मुंबई जा रहा हूं और रात में वापस आऊंगा।"इस यात्रा से पहले श्री शिवकुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'शब्दों की ताकत' के बारे में एक पोस्ट भी किया था। उन्होंने लिखा था, "शब्दों की ताकत दुनिया की ताकत है। दुनिया में अपनी ज़बान रखने से बड़ी ताकत कुछ नहीं। चाहे वह कोई न्यायाधीश हो, कोई राष्ट्रपति हो या कुछ और। चाहे मैं ही क्यों न हूं। सबको अपनी बात पर अडिग रहना चाहिए। कतार में पीछे खड़े हुए लोगों को नहीं पता कि कुर्सी की कीमत क्या होती है। कुर्सी क्या अहमियत और कीमत रखती है।"इस बीच, वोक्कालिगा संत निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और लंबी सेवा का हवाला देते हुए अगले संभावित मुख्यमंत्री के रूप में शिवकुमार के प्रति समर्थन व्यक्त किया। स्वामीजी ने कहा, "शिवकुमार को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनना चाहिए। यह मेरा और हमारे भक्तों का भी विचार है। कांग्रेस आलाकमान को किसी ऐसे व्यक्ति को मौका देना चाहिए जिसने पार्टी के लिए एक अनुशासित सिपाही की तरह काम किया हो, ठीक वैसे ही जैसे पहले वोक्कालिगा नेता मुख्यमंत्री रहे हैं।"इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी नेतृत्व ने कहा कि नेतृत्व संबंधी कोई भी मुद्दा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ चर्चा के बाद सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं सभी को बुलाऊंगा और चर्चा करूंगा। राहुल गांधी भी उस चर्चा में मौजूद रहेंगे। अन्य सदस्य भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।"कर्नाटक के मंत्री सतीश जारकीहोली और प्रियांक खड़गे ने दोहराया कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है और अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया है।

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