शिलांग , दिसंबर 12 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिलांग उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने पर्लवाइन इंटरनेशनल द्वारा संचालित एक कथित धोखाधड़ी निवेश वेबसाइट से जुड़े मामले में 17.91 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (शिलांग) की शिकायत के बाद मेघालय सीआईडी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ईडी शिलांग ने धन शोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की। जब्त की गई 17.91 करोड़ रुपये की संपत्तियों में 13 अचल संपत्तियां और सात चल संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें कथित रूप से अपराधियों द्वारा खरीदी गई लग्जरी कारें भी शामिल हैं।

ईडी अधिकारी ने बताया, "खुद को अमेरिका की कंपनी बताने वाली पर्लवाइन इंटरनेशनल एक गैर-मान्यता प्राप्त संस्था थी जो कई आकर्षक निवेश विकल्प प्रदान करती थी और सदस्यता शुल्क के रूप में न्यूनतम 2,250 रुपये एकत्रित करती थी। उसने 2018 से मार्च 2023 के दौरान भारत में पोंजी योजना चलाई।"इस दौरान, पर्लवाइन इंटरनेशनल ने पूरे देश में सेमिनार आयोजित किए, सदस्यता के लिए लोगों को आमंत्रित किया और अपने कथित लाभों का प्रचार किया। 2022 में एक समय ऐसा भी आया जब कंपनी ने भारत और विदेश में 80 लाख सदस्य होने का दावा किया। जांच में पता चला कि पर्लवाइन इंटरनेशनल ने कम से कम 1,575 करोड़ रुपये एकत्रित किए, जिसमें से लगभग 395.35 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस नहीं किए गए।

ईडी की जांच में पता चला कि नीरज कुमार गुप्ता इस पूरे घोटाले का मास्टरमांइड था और उसने नवंबर 2015 में ही वेबसाइट का डोमेन खरीद लिया था। गुप्ता ने भारत और थाईलैंड में पर्लवाइन इंटरनेशनल के कई सेमिनार भी आयोजित किए थे।

ईडी शिलांग द्वारा नवीनतम कुर्की के साथ, इस मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई कुल संपत्ति अब 54.98 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें पहले कुर्की की गई 37.07 करोड़ रुपये की संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने कहा कि आगे की जांच जारी है।

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