अमृतसर, सितंबर 30 -- सिख संगत की मांगों, जरूरतों और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने इंग्लैंड के बर्मिंघम में एक समन्वय केंद्र स्थापित किया है।

इस केंद्र की स्थापना मुंबई के सिख समिति सदस्य गुरिंदर सिंह बावा और अंतरिम समिति सदस्य बीबी हरजिंदर कौर के प्रयासों तथा खालसा पंथ अकादमी बर्मिंघम के सहयोग से संभव हुई है। इसका उद्घाटन समारोह कल पंथिक परंपराओं के साथ आयोजित किया गया, जिसमें गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था बर्मिंघम के प्रमुख भाई महिंदर सिंह, एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनन, अंतरिम समिति सदस्य बीबी हरजिंदर कौर, सदस्य भाई राजिंदर सिंह मेहता, जोध सिंह समरा, धर्म प्रचार समिति के सचिव बलविंदर सिंह काहलवां, एसजीपीसी अध्यक्ष के निजी सचिव शाहबाज सिंह, बीबी परमजीत कौर गुरु अंगद देव जी निवास सहित प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं।

इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। शिरोमणि कमेटी कार्यालय से प्रेस को जारी जानकारी में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि यह केंद्र विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय की मांग पर खोला गया है। यह ब्रिटेन के साथ-साथ पूरे यूरोप के समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस केंद्र के माध्यम से समुदाय तख्त साहिबानों और पंथ की प्रमुख संस्थाओं से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब यूरोप और इंग्लैंड का समुदाय गुरुद्वारों के दर्शन करने के लिए पंजाब आयेगा, तो शिरोमणि कमेटी इस समन्वय केंद्र के माध्यम से उनके लिए आवास, यात्रा और अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। इससे समुदाय को दर्शन और सेवा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। एडवोकेट धामी ने बताया कि इस समन्वय केंद्र के संचालन की ज़िम्मेदारी गुरिंदर सिंह बावा को सौंपी गयी है, जो शिरोमणि कमेटी के सदस्य होने के साथ-साथ तख्त श्री हजूर साहिब और तख्त श्री पटना साहिब बोर्ड के भी सदस्य हैं। सरदार बावा के विशेष प्रयासों और समर्पण के कारण ही शिरोमणि कमेटी द्वारा भारत से बाहर पहली बार समन्वय केंद्र खोला गया है।

एडवोकेट धामी ने सरदार बावा का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस पहल से विदेशों में रहने वाली संगत को बहुत लाभ होगा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा शुरू किये गये इस कार्य को गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब ऑस्ट्रिया, गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार लंदन, खालसा दीवान सोसाइटी लंदन, गुरु हरगोबिंद साहिब सेवा ट्रस्ट, गुरुद्वारा गुरु अमरदास जी, गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार बेल्जियम, गुरुद्वारा गुरु हर राय साहिब किंग्स्टन, निहाकामी सेवा ट्रस्ट यूके सहित मैनचेस्टर, लंदन, लीसेस्टर, बेल्जियम, जर्मनी, हॉलैंड, इटली की संगतों ने समर्थन दिया है।

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