जौनपुर , नवम्बर 29 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति हसन रिजवी ने शनिवार को कहा कि शिक्षा समाज का वह दर्पण होता है जिसमें वर्तमान ,भूत भविष्य तीनो देख सकते है, बस जरूरत है शिक्षा को पूरा मन लगाकर ग्रहण करने की। किसी भी व्यक्ति के तरक्की की सबसे अच्छी बुनियाद शिक्षा के रूप में अगर पड़ जाए तो वह व्यक्ति आगे चलकर देश और समाज में एक कीर्तिमान बनाता है।
न्यायमूर्ति हसन रिज़वी शनिवार को मोहम्मद हुसैन इटर कालेज खान बड़े हमजापुर के वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन के उच्चतम शिखर पर पहुंच सकता है। आज के वातावरण में मानव जीवन की सबसे बड़ी पूंजी न धन है न पद है, अगर है तो बस सिर्फ शिक्षा है। शिक्षित ब्यक्ति जीवन जीने की कला बेहतर निर्णय और समाज को बदलने की शक्ति रखता है।
उन्होने कहा कि इस समय लडको से ज्यादा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं । अभिभावक को चाहिए कि अपने बच्चों को संस्कारित बनाएं और शिक्षको को भी चाहिए कि स्कूल में जब तक बच्चे रहे तो जिम्मेदारी से उनको शिक्षा देने मे कोई कोताही न करे। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम के शुरुआत में मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। इसके पहले मुख्य अतिथि नि मेधावी बच्चो को पुरस्कार वितरित कर उनका हौसला बढ़ाया।
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