बांसवाड़ा , दिसम्बर 20 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि शिक्षा केवल अक्षरों का ज्ञान नहीं, बल्कि वह प्रकाश है जो अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर राष्ट्र के भविष्य को रोशन करता है।
श्री शर्मा शनिवार को बांसवाड़ा के लियो इंटरनेशनल संस्थान में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्वगुरु बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आये हैं, जो 21वीं सदी के भारत को नयी दिशा देगी।
उन्होंने कहा," हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जो बौद्धिक विकास के साथ ही आत्मिक और नैतिक विकास भी करे। विद्यार्थियों को शिक्षित होने के साथ संस्कारवान भी बनाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सुनिश्चित करती है कि भाषा किसी विद्यार्थी की प्रगति में बाधा नहीं बने और प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में मिले। विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति के स्थान पर तार्किक सोच पैदा हो। वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से विद्यार्थी केवल डिग्री धारक नहीं, बल्कि दक्ष नागरिक बनें। विद्यार्थी किन्हीं परिस्थितियों में पढ़ाई छोड़ने के बाद उसे पुनः प्रारंभ कर सकें। उन्होंने कहा कि इस नीति को सफलता की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने में शिक्षकगणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
श्री शर्मा ने कहा कि शिक्षक की भूमिका केवल अक्षर या पुस्तक ज्ञान देने तक ही सीमित नहीं है, इनकी भूमिका बहुत व्यापक और महत्वपूर्ण है। इसीलिए शिक्षक को भविष्य निर्माता और राष्ट्र निर्माता कहा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के पथ-प्रदर्शक हैं। शिक्षक दीपक के समान समाज को आलोकित करता है और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य गढ़ता है। जब-जब समाज में परिवर्तन आया है, उसका नेतृत्व शिक्षक ने किया है।
उन्होंने कहा कि चाणक्य ने एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया क्योंकि उनके पास शिक्षा और दृष्टिकोण की शक्ति थी। चाणक्य ने कहा था, "शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में खेलते हैं।"उन्होंने कहा कि 'विकसित भारत' और 'विकसित राजस्थान' की नींव को मजबूत करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर है।
उन्होंने कहा, " हमने शिक्षण क्षेत्र में पिछले दो साल में अनेक अभूतपूर्व कदम उठाये हैं। राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में युवाओं के लिए परीक्षाओं की तैयारी करवाने की व्यवस्था शुरू की है। पहले चरण में 36 राजकीय कन्या महाविद्यालयों में अध्ययन सुविधा प्रारंभ की गयी है। लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के लिए राजकीय महाविद्यालयों में राजकीय निधि कोष में लिया जाने वाला शुल्क माफ किया गया है।
श्री शर्मा ने कहा कि 71 नवीन राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गयी है। 177 नये राजकीय महाविद्यालयों के भवन बनाये गये हैं। 17 महाविद्यालयों को यूजी से पीजी में क्रमोन्नत किया है। 41 जिला मुख्यालयों पर स्थित महाविद्यालयों में बीबीए कोर्स प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि सात संभाग मुख्यालयों पर स्थित महाविद्यालयों में बीसीए कोर्स प्रारंभ किये गये हैं। 41 जिला मुख्यालयों पर स्थित महाविद्यालयों में कंप्यूटर साइंस विषय प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी एवं देवनारायण स्कूटी योजना के तहत 39 हजार 586 स्कूटियों का वितरण किया गया है। 65 हजार स्कूल भवनों की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। विद्यार्थियों को मानसिक अवसाद से बचाने एवं मानसिक संबल प्रदान करने के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एंड रेग्यूलेशन बिल) 2025 पारित किया है। राज्य में चार हजार से अधिक विद्यालयों में आठ हजार से अधिक स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किये हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि 500 पीएमश्री विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी खोली हैं। 714 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित किये गये हैं। 142 पीएमश्री विद्यालयों में ओ-लैब स्थापित की गई हैं। राजकीय विद्यालयों में अध्यनरत कक्षा एक से आठ तक के समस्त बालक- बालिकाओं एवं कक्षा नौ से 12 की बालिकाओं को यूनिफॉर्म एवं स्कूल बैग के लिए 800 रुपये की सहायता राशि प्रति विद्यार्थी डीबीटी की जा रही है। अब तक 41 लाख 25 लाख विद्यार्थियों को 330 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 45 हजार 489 विभिन्न पदों पर पदोन्नतियां दी गयी हैं। दस लाख 51 लाख साइकिलें वितरित की गयी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन शिक्षकों के बीच विचार-विमर्श के साथ ही चिंतन का भी एक सशक्त मंच है। यहां से जो विचार निकलेंगे, वे हमारी शिक्षा नीति को और अधिक प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने में सहायक होंगे। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि स्कूलों में ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां विद्यार्थी न केवल परीक्षा उत्तीर्ण करें, बल्कि एक स्वाभिमानी और राष्ट्रभक्त नागरिक बनकर निकलें।
श्री शर्मा ने कहा कि हमने संकल्प पत्र में जो वादे किये थे, उनमें से 70 प्रतिशत काम दो वर्ष में या तो पूरे कर लिये गये हैं, या प्रगति पर हैं। गत सरकार के पांच साल में कार्यों से ज्यादा हमने दो साल में काम किये हैं। उन्होंने कहा कि 92 हजार युवाओं को हमने नियुक्तियां दी हैं, एक लाख 53 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। दो वर्ष में एक भी पेपरलीक नहीं हुआ, यह हमारी युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पानी और बिजली के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कदम उठाये हैं।
इससे पहले श्री शर्मा ने बेणेश्वर धाम के महंत श्री अच्युतानंद का अभिनंदन कर आत्मीयपूर्ण संवाद किया। शिक्षक संघ की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी और कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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