गरियाबंद , दिसंबर 26 -- त्तीसगढ में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र तौरेंगा अंतर्गत ग्राम कोकोड़ी में शिकारियों के जाल में फंसे एक तेंदुए को वन विभाग ने समय रहते रेस्क्यू कर उसकी जान बचा ली। बीती रात तेंदुआ गंभीर रूप से घायल अवस्था में झाड़ियों में छिपा हुआ था और दहाड़ने की आवाज से ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी।
ग्रामीणों से सूचना मिलने पर वन विभाग तत्काल हरकत में आया। सहायक संचालक उदंती (मैनपुर) गोपाल कश्यप के नेतृत्व में ड्रोन और एंटी पोचिंग टीम को मौके पर रवाना किया गया। ड्रोन सर्वे के दौरान तेंदुए के गले में गहरे घाव और तार के फंदे फंसे होने की पुष्टि हुई, जिससे उसकी हालत बेहद नाजुक पाई गई।
अंधेरा होने से पहले रेस्क्यू की चुनौती को देखते हुए एसडीओ गोपाल कश्यप ने स्वयं मोर्चा संभाला और जान जोखिम में डालकर तेंदुए को जाल से मुक्त कराया। इस दौरान तेंदुए ने हमला करने का प्रयास भी किया, लेकिन सूझबूझ से स्थिति को नियंत्रित कर उसे गजराज रेस्क्यू वाहन के पिंजरे में सुरक्षित बंद किया गया।
इसके बाद तेंदुए को आबादी से दूर तौरेंगा रेस्ट हाउस लाया गया, जहां रात करीब 8 बजे डॉक्टर जय किशोर जडिया, सहायक रमाकांत और उनकी टीम ने उसे बेहोश कर गले में फंसे दोनों तार के फंदे निकाले। प्राथमिक उपचार के साथ ड्रिप चढ़ाकर इलाज किया गया, जिससे तेंदुए की हालत में सुधार आया।
घटना की जानकारी मिलते ही उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ लगभग 4 वर्ष का नर है, जो करीब 7 दिनों से फंदे में फंसा हुआ था और दम घुटने की स्थिति में था। इसी वजह से वह भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ रहा था।
तेंदुए को आज सुबह करीब 4 बजे गजराज रेस्क्यू वाहन से जंगल सफारी अस्पताल लाया गया, जहां उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद उसे फिर से उदंती के जंगलों में छोड़ा जाएगा।
वन विभाग ने इस मामले में अज्ञात शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। शिकारियों की जानकारी देने वाले को 5,000 से 10,000 रुपये तक का गोपनीय इनाम देने की घोषणा की गई है।
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